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6 Comments

  1. राजीव रोशन
    January 16, 2019 @ 9:39 pm

    बेहतरीन किस्सागोई नज़र आई इस कहानी में। क्या कमाल का लेखन और कल्पनाशीलता है। बहुत ही सुंदर।

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  2. आनंद कुमार सिंह
    January 16, 2019 @ 9:55 pm

    बेहतरीन

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  3. Hareesh Chand
    January 16, 2019 @ 10:10 pm

    इतिहास की एक घटना और उसका संदेश…
    बहुत ही बढ़िया मनु जी…
    इतनी बढ़िया कहानी, इतना शानदार संदेश लिए हुए कथानक तीसरे नंबर पर है…
    इंतज़ार उन कहानियों का जो इससे आगे निकल गयीं।
    ????

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  4. Digvijay singh
    January 16, 2019 @ 11:37 pm

    शानदार…अभी कुछ दिनों पहले ही मनु दुग्गल जी के नाम से वाकफियत हुई..फिर इनकी आने वाली रचना के कुछ अंश पढ़े….तभी से मनु जी की कोई रचना पढ़ने की उत्सुकता थी और आज ये इच्छा पूर्ण हुई और क्या खूब पूरी हुई…इतिहास की बुनियाद पर जात पात धर्म विधर्म जैसी समकालीन या कहें तो सर्वकालिक समस्याओ की ईंटो को अपनी बेतरीन किस्सागोई के सीमेंट में लपेट कर क्या खूबसूरत इमारत बनाई है इन्होंने…वाकई आनन्द आ गया पढ़ के…अब तो इनकी नई रचना #तपेदिक की प्रतीक्षा रहेगी…..साथ ही राजीव रंजन सिन्हा जी को भी कोटिशः धन्यवाद ऐसी प्रतियोगिता के आयोजन के लिए जिसके कारण इतने उम्दा लेखकों से परिचय हो रहा है और ये निवेदन भी की द्वितीय एवम प्रथम पुरस्कार प्राप्त कहानियां भी शिघ्र ही ब्लॉग पर उपलब्ध करवाईयेगा… इतनी बेहतरीन कहानी के तृतीय स्थान पर होने से बाकी कहानियां पढ़ने की उत्सुकता बढ़ गई है???

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  5. Mahendra singh
    January 17, 2019 @ 4:04 pm

    बेहतरीन कहानी

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  6. Chandan kumar
    January 17, 2019 @ 7:20 pm

    सुपरब , बहुत ही बढिया तरीके से वर्णन किया है घटनाअों का ,
    बहुत ही बेहतरीन लेखन किया गया है …
    साधुवाद

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