
अच्छा आदमी
जीवन ने घड़ी देखी,दो बजकर बीस मिनट हो रहे थे। पौने तीन तक डायरेक्ट लखनऊ वाली बस छूट जानी थी । उसके बाद कई बसें बदलकर ही वो लखनऊ पहुँच सकता था। वक्त के बारे में सोच कर झुंझला उठा ।उसने ऑटो वाले को घुड़का – “मेरी बस छुड़वा दोगे […]
जीवन ने घड़ी देखी,दो बजकर बीस मिनट हो रहे थे। पौने तीन तक डायरेक्ट लखनऊ वाली बस छूट जानी थी । उसके बाद कई बसें बदलकर ही वो लखनऊ पहुँच सकता था। वक्त के बारे में सोच कर झुंझला उठा ।उसने ऑटो वाले को घुड़का – “मेरी बस छुड़वा दोगे […]
शिवनाथ जम्हाई लेते हुए कुर्सी पर ही सोते सोते एकतरफा लटक जा रहे थे। यद्यपि अपना संतुलन बनाए हुए थे। उनके बगल मे आटे के बोरे जैसे कसे देह लिए रमाशंकर चैतन्य थे। वह पतीली में बाज़ार से से लाये मटन को तलने में मगन थे। वो तलते कम थे, […]
मिर्ज़ापुर 2 के स्क्रीनप्ले में ऐसी दसियों बाते हैं जो आपत्तिजनक हैं, ससुर बहु का हौलनाक रिश्ता, बिना मतलब की गालियां, लचर फिलर्स, धीमा होता कथानक या बेहद बचकाना क्लाइमेक्स; ऐसे कई पॉइंट्स हैं जिसको टेक्निकल समझ न रखने वाले भी ये ज़रूर कह सकते हैं कि ‘नहीं यार, मज़ा […]
यूं तो नमक एक खाद्य पदार्थ है या खाद्य पदार्थों को स्वाद बख्शने वाली चीज है, लेकिन इसकी महत्ता सर्वविदित है । नमक का महत्व इंसान की जिंदगी में इतना ज्यादा है कि इसे लेकर ‘‘नमकहलाल’’, ‘‘नमकहराम’’ और ‘‘नमकख्वार’’ जैसी उपमाएं बनीं । महात्मा गांधी जी को भी ‘‘गांधी’’, उनके […]
शाम के सात बज रहे थे। पटना के ईकलॉजिकल पार्क में अविनाश अपनी गर्लफ़्रेंड अनामिका की गोद में सिर रखकर लेटा हुआ था और अनामिका उसके घुंघराले बालों में अपनी उँगलियाँ फेर रही थी। तभी अविनाश के मोबाइल फोन का रिंगटोन बजा। फोन पर बात करने के बाद अविनाश ने […]
कोरोया फूल छोटानागपुर की वादियों में बहुतायत रूप में पाया जाता है, यह एक जंगली फूल है, और यह छोटानागपुर वासियों के लोक गीतों में भी रच बस गया है। कहानी, एक आदिवासी अधिकारी के गैर आदिवासी कन्या से विवाह और उनसे उत्पन्न समस्याओं और सांस्कृतिक जटिलताओं का चित्रण प्रस्तुत […]
यह नगर के बाहर का इलाका था। शाम का धुंधलका अभी फैलना शुरू ही हुआ था, अंधेरा नहीं हुआ था। जगह-जगह कचरे और गन्दगी के ढेर पड़े थे, सड़ांध मारती बदबू और बदबू के एक ढेर के पास बैठी हुई एक अधेड़ स्त्री। भिखारिन थी वह लेकिन मनमौजी। कभी भीख […]
कई वर्ष पश्चात दूरदर्शन पर धारावाहिक ‘रामायण’ के पुनः प्रसारण से कौशल्या देवी बहुत खुश थीं। सुबह के नौ बजते ही टेलीविजन के सामने हाथ जोड़ कर बैठ जाती थीं। आज रामायण देखते हुए वह अत्यंत भावविभोर हो रही थीं। सीता एवं लक्ष्मण को राम के संग वन जाते हुए […]
बहुत दिनों से नौवीं की छात्रा कलिका, स्टाफ- रूम में चर्चा का विषय बनी हुई है. शिक्षिकाएं एकमत हैं कि उसे कोई मानसिक समस्या जरूर है. सबको श्रीमती मीरा वर्मा का इंतजार है, जो अपने ढीली सेहत के चलते, लम्बी छुट्टी पर थीं और वापस स्कूल ज्वाइन करने वाली हैं. […]