समकालीन लेखन
हैप्पी बर्थडे
इस बार तो गजब ही हो गया। दो दिन पहले अचानक से तुम्हारा ईमेल आया, “किताब अच्छी है। लेकिन मैं अब वापस नहीं लौट सकती।” कोई नो यू टर्न का बोर्ड लगा है क्या? खैर जाने दो। हम कर भी क्या सकते हैं। तुम तो पता नहीं किस रास्ते पर […]
इश्क़ दी जात
जनवरी की एक सर्द सुबह थी। बर्फ़ीली हवा हड्डियों से गुजर खून जमा देने पर उतारू थी। स्टॉप पर खड़े सभी यात्री अपने-अपने तरीक़े से ठंड से बचाव किए हुए थे। वो दोनों भी […]
क्या यही प्यार है
पायल की नींद अचानक टूट गई। घड़ी देखी तो सुबह के सात बजे थे। तभी, नौकर चाय लेकर आया और सामने टेबल पर रखकर चला गया। पायल का मन अभी और सोने का कर रहा था, तभी उसकी नजर चाय के पास रखे अखबार पर गई। मुखपृष्ठ पर ही छपा […]