जल्दी जयपुर पहुँचने के चक्कर में जवाद इब्राहिम ने मुख्य मार्ग से न जाकर, जंगल से हो के जाने वाला ये छोटा रास्ता चुना था। हालाँकि उसकी पत्नी रुख़सार ने एतराज़ भी किया था। शाम का धुँधलका हो रहा था कि अचानक उसकी कार घुर्र-घुर्र कर बंद हो गयी। बस रुख़सार ने बड़बड़ाना शुरू कर […]
बॉलीवुड में बहुत-सी प्रेम कहानियाँ बनीं। बहुत से किस्से परवान चढ़े। कई जोड़ियाँ बनीं, कई दिल टूटे। इन प्रेम कहानियों का जिक्र जब भी आएगा, देव आनंद और सुरैया की याद जरूर आएगी। देव-सुरैया की लव स्टोरी बॉलीवुड की सबसे चर्चित प्रेम कहानियों में से एक है, और शायद सबसे बदकिस्मत भी। देव-सुरैया की […]
दे दे खुदा के नाम पे प्यारे ताकत हो गर देने की कुछ चाहे अगर तो माँग ले उससे हिम्मत हो गर लेने की दे दे खुदा के नाम पे प्यारे ताकत हो गर देने की कुछ चाहे अगर तो माँग ले मुझसे हिम्मत हो गर लेने की
‘मनुस्मृति’ में कहा गया है कि जहाँ गुरु की निंदा या असत्कथा हो रही हो वहाँ पर भले आदमी को चाहिए कि कान बंद कर ले या कहीं उठकर चला जाए। यह हिंदुओं के या हिंदुस्तानी सभ्यता के कछुआ धरम का आदर्श है। ध्यान रहे कि मनु महाराज ने न सुनने जोग गुरु की कलंक-कथा […]
जाड़े की धुंध भरी घुप्प अंधेरी रात से ज्यादा गहरी रात और कोई नहीं होती, आज वैसी ही एक रात थी। ट्रेन रात के ग्यारह बजे की थी। कैलाश अपनी पत्नी और बच्चे को लेकर नौ बजे ही स्टेशन पहुँच गया। काठगोदाम स्टेशन यूँ तो चहल-पहल वाला स्टेशन है, पर जाड़े की रात जब गहरी […]
रुपाली ‘संझा’ के यात्रा वृतांत ‘दिल की खिड़की में टँगा तुर्की’ का एक अंश तकरीबन तीन हजार साल प्राचीन रोमन कालीन शहर! नहीं सिर्फ शहर नहीं…सुप्रसिद्ध पुरातन पत्तन (बंदरगाह) शहर! इस तरह की भौगोलिक स्थिति का मतलब तब किसी शहर के लिए हुआ करता था धन्ना सेठ होना। ये वो जमाना था जब सारा व्यापार […]
“चलिए, अपना ख्याल रखिएगा और कोई जरूरत हो तो फोन कीजियेगा” कहते हुए नीमा ने कॉल काटा और मुड़ी तो चौंक गई। पतिदेव सामने खड़े थे, बोले “किस से बात कर रही थी इतनी रात को?” नीमा ने कहा “मेरी फ्रेंड है ना विशाखा, जो कोविड पॉजिटिव है और उसके हसबैंड भी…. उसके हसबैंड को […]
फ्लैट के बाहर से आ रही जोर जोर से बोलने की आवाजें सुनकर अंगद ने दरवाजा खोला। अंगद का पूरा नाम अंगद शुक्ला था। वो अपनी नौकरी की वजह से अभी कुछ दिन पहले ही मथुरा से मुम्बई आया था, जहाँ कि वो एक ऑटोपार्ट्स बनाने वाली कम्पनी में टेक्निकल मैनेजर के पद पर नियुक्त […]
सायंकाल के चार बजे थे। मैं स्कूल से लौटकर घर में गरम-गरम चाय पी रहा था। किसी ने बाहर से पुकारा: “मास्टर साहब, मास्टर साहब, जरा बाहर आइए। एक आदमी आया है। बाघ की खबर लाया है।” बाघ का नाम सुनकर मैं उछल पड़ा। चाय का प्याला वहीं रखकर झट से बाहर आया। देखा, […]