द ब्लाइंड गेम #2
जब तक उसने अपने ताबूत में 2 कीलें न ठोक ली तब तक उसकी बारी नहीं आयी। एकॉर्ड को कम से कम 4 पुलिसियों ने घेर लिया। चूंकि वह बिल्कुल बायीं लेन में था इसलिए उसने अपने दाएं तरफ देखा तो पाया कि पुलिस वाले बिल्कुल भुस में सुई खोजने […]
जब तक उसने अपने ताबूत में 2 कीलें न ठोक ली तब तक उसकी बारी नहीं आयी। एकॉर्ड को कम से कम 4 पुलिसियों ने घेर लिया। चूंकि वह बिल्कुल बायीं लेन में था इसलिए उसने अपने दाएं तरफ देखा तो पाया कि पुलिस वाले बिल्कुल भुस में सुई खोजने […]
पवन महाजन के चेहरे पर अब मिश्रित भाव आ रहे थे, वह समझ नहीं पा रहा था कि वह खुशी से नाचे या अपना सिर पकड़ बैठकर रोना शुरू करे। जिस मेहनत से उसने अपने घर से यहां तक कि दूरी तय की थी उस रू में वह भौचक्का था […]
वह एक ऐसा कमरा था जिसमें मात्र एक दरवाजा और वेंटिलेशन के नाम पर कुछ भी उठा कमरे के स्ट्रक्चर में मौजूद नहीं था। उस दरवाजे से भीतर अगर कोई झांकता तो पाता कि कमरे में सामान के नाम पर एक मेटल की टेबल जो दोनों तरफ से फोल्ड होकर […]
“10 रुपये में भर पेट भोजन” दरोगा नाम के उस 26 वर्षीय व्यक्ति ने मोती विहार स्थित एक एन. जी. ओ. द्वारा चलाये जा रहे गरीबों के लिए कम दामों पर भोजन के प्रबंध जैसे सामाजिक कार्य को चिन्हित करता बोर्ड देखा। उसने, अपनी मैली-कुचेली जीन्स के पिछले जेब में […]
नीले रंग की एकॉर्ड डी एन डी से उतर कर अब ग्रेटर नोएडा की ओर बढ़ रही थी। स्पीड सामान्य थी, जैसे कि ड्राइवर को रात के उस घड़ी कहीं भी जाने की जल्दी नहीं थी, जबकि यह सामान्य से अलग बात होती है। अपनी औसतन रफ्तार को, रोड स्पीड […]