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2 Comments

  1. विकास नैनवाल
    October 16, 2017 @ 4:22 am

    रोचक हास्य लेख। लेख आपको गुदगुदाता है। बाल मन और छोटे भाई बहन के बीच के रिश्ते को भी बहुत खूबसूरती से दर्शाया है। एक ऐसा ही लेख बड़े भाई बहनों द्वारा छोटे भाई बहनों पे ढाए अत्याचारों पे होता तो मज़ा आ जाता।
    लेख में निम्न जगह 'मान' को मां किया गया है। उसे ठीक कर लीजियेगा।
    'अम्मा! देखो भैया नहीं मां रहा है',यह भी समझ में नहीं आता कि कब मैं अचानक समझदार और जिम्मेदार मां लिया जाता हूँ और

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  2. Rajiv Sinha
    October 16, 2017 @ 4:26 am

    ध्यानाकर्षण के लिए धन्यवाद. अपेक्षित सुधार कर दिए हैं.

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