अवधी : साहित्यिक भाषा के रूप में विकास
डा. भोलानाथ तिवारी के अनुसार, अवधी के भाषायी अभिलक्षण पहली शताब्दी में ही मिलने लगे थे. वे तो सोहगौरा, रुम्मिन्देई एवं खैरागढ़ के अभिलेखों में भी अवधी में लक्षण ढूढ निकालते हैं. ये अभिलेख पहली शताब्दी के ही आसपास के हैं. बाबूराम सक्सेना भी अवधी को अर्धभागधी की तुलना में पालि के […]