पद्मावत-सिंहलद्वीप वर्णन खंड-चतुर्थ पृष्ठ-मलिक मुहम्मद जायसी
पुनि देखी सिंघल फै हाटा । नवो निद्धि लछिमी सब बाटा ॥ कनक हाट सब कुहकुहँ लीपी । बैठ महाजन सिंघलदीपी ॥ रचहिं हथौडा रूपन ढारी । चित्र कटाव अनेक सवारी ॥ सोन रूप भल भयऊ पसारा । धवल सिरीं पोतहिं घर बारा ॥ रतन पदारथ मानिक मोती । हीरा […]