कबीर कवि, समाज सुधारक या भक्त

हजारी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार ‘कबीर ने ऐसी बहुत सी बातें कहीं है जिनसे समाज सुधार में सहायता मिलती है, इसलिए उन्हें समाज सुधारक समझना उचित है। वस्तुतः उनकी व्यक्तिगत साधना की परिधि इतनी व्यापक थी कि वह अनजाने ही समाज की समस्त विकृतियों को झकझोरती हुई ब्रह्म में लीन […]