पात्र परिचय उमा : लड़की रामस्वरूप : लड़की का पिता प्रेमा : लड़की की माँ शंकर : लड़का गोपालप्रसाद : लड़के का बाप रतन : नौकर [ मामूली तरह से सजा हुआ एक कमरा। अंदर के दरवाजे से आते हुए जिन महाशय की पीठ नजर आ रही है […]
आपने गैंग ऑफ वासेपुर, शॉशांक रिडेम्पशन, डार्क नाईट – बैटमैन सीरीज, फारेस्ट गंप, शोले, मिर्जापुर, ये मेरी फैमिली, सेक्रेड गेम्स, कोटा फैक्ट्री, पिचर्स आदि आदि देखा होगा। अब आप पूछेंगे कि प्लेटफॉर्म लेखकों के लिए है, बात किताबों या लेखकों की होनी चाहिए लेकिन मुझे उम्मीद है कि आज की जनरेशन किताब पढ़ने से ज्यादा […]
एमएलए गजानन सिंह से वह कुछ इस तरह प्रभावित हुआ कि सब इंस्पेक्टर की नोकरी छोड़कर उसका खास आदमी बन गया। नेता की खातिर उसने ढेरों अपराध किये, जिसमे ताजा तरीन कारनामा, एक निर्दलीय उम्मीदवार -जिसका जीत जाना तय था- का दिनदहाड़े किया गया कत्ल था। मामले ने कुछ यूं तूल पकड़ा की नेता के […]
लफ़्टंट पिगसन की डायरी का एक अंश इतने दिनों तक भारतवर्ष में रहने के पश्चात् मुझे यह ज्ञात हो गया कि सेना विभाग में काम बहुत ही कम है। खूब भोजन करना, घुड़सवारी करना, चाँदमारी करना, परेड करा देना, यही हम लोगों का काम था और सप्ताह में तीन-चार दिन सिनेमा देखना। मैंने अपने ऊपर […]
कवि सर्वेश्वर दयाल सक्सेना से परिचय बहुत बाद में हुआ। परिचय हो जाने पर भी उनकी पहली याद अपनी प्रिय पत्रिका पराग के संपादक के रूप में ही रही। आज उनकी पुण्य तिथि पर प्रस्तुत है, बच्चों के लिए लिखी गई उनकी एक गीत कथा एक लड़की थी। वह हमेशा धूल में खेलती थी। नतीजा […]
मिस रस्तोगी थोड़ी देर सोफ़े पर अधलेटी-सी पड़ी टेलीफोन की ओर देखती रही। लग रहा था कि अब भी बोल रहा है-“पहचाना? मैं प्रकाश बोल रहा हूँ—प्रकाश खन्ना—“ “कब आए? किस ट्रेन से? तार कर दिया होता। कहाँ हो? स्टेशन पर?” एक ही साँस में एकाएक मिस रस्तोगी पचासों सवाल पूछ बैठी थी। […]
‘रोमांस’ के लिए हिन्दी में कोई उपयुक्त शब्द नहीं मिलता। हमारे अय्याजी यद्यपि संस्कृतज्ञ थे, किन्तु इस शब्द के साथ उनका संबंध ठीक उसी तरह जुड़ गया था, जैसे मलहम के साथ पट्टी। अंग्रेजी न जानने पर भी वे रोमांस का रहस्य समझते अवश्य थे। हमारी यह धारणा और भी बलवती हो गई, जब उन्होंने […]
फिर क्या होगा उसके बाद? उत्सुक होकर शिशु ने पूछा, “माँ, क्या होगा उसके बाद?” रवि से उज्जवल, शशि से सुंदर, नव-किसलय दल से कोमलतर। वधू तुम्हारी घर आएगी उस विवाह-उत्सव के बाद।’ पलभर मुख पर स्मित-रेखा, खेल गई, फिर माँ ने देखा । उत्सुक हो कह उठा, किन्तु वह फिर क्या होगा उसके बाद?’ […]
फिंगरप्रिंट्स के ऊपर काफी कुछ लिखा जा चूका है और काफी जानकारियां पाठकों के पास भी हैं। इन्टरनेट के इस दौर में किसी भी जानकारी को पा लेना बहुत आसान हो गया है लेकिन एक जगह इकट्ठी जानकारी मिल पाना मुश्किल होता है। फिंगरप्रिंट का इतिहास, वह कैसे काम करता है, किस तरह से फिंगरप्रिंट […]