पवन महाजन के चेहरे पर अब मिश्रित भाव आ रहे थे, वह समझ नहीं पा रहा था कि वह खुशी से नाचे या अपना सिर पकड़ बैठकर रोना शुरू करे। जिस मेहनत से उसने अपने घर से यहां तक कि दूरी तय की थी उस रू में वह भौचक्का था कि जिस चीज को सेफ […]
वह एक ऐसा कमरा था जिसमें मात्र एक दरवाजा और वेंटिलेशन के नाम पर कुछ भी उठा कमरे के स्ट्रक्चर में मौजूद नहीं था। उस दरवाजे से भीतर अगर कोई झांकता तो पाता कि कमरे में सामान के नाम पर एक मेटल की टेबल जो दोनों तरफ से फोल्ड होकर एक तरफ रखी जा सकती […]
अगली सुबह अखबार के राजधानी की खबरों वाली पेज को राजधानी में हुए खबरों ने कवर किया हुआ था। पहली खबर अमितेश गुप्ता नामक एक एंटरप्रेन्योर की थी जिसकी लाश जनकपुरी डिस्ट्रिक्ट सेंटर के करीबी रोड पर लावारिश पाई गई थी। वहीं दूसरी खबर एक एक्सीडेंट की थी जो डी एन डी रोड पर हुआ […]
राइट टाइम टू किल अभिनेत्री सोनाली सिंह राजपूत ने पाँच सालों बाद दिल्ली में कदम क्या रखा, जैसे हंगामा बरपा हो गया। बंगले में घुसते ही गोली मारकर उसकी हत्या कर दी गई। पुलिस और मीडिया दोनों को शक था कि सोनाली का कत्ल उसके चाचा उदय सिंह राजपूत ने किया है, क्योंकि पांच साल […]
द वॉचमैन-मर्डर इन रूम नंबर 108 सुधीर सिंघल निहायत घटिया, बदनीयत! सूरत से कामदेव सरीखा ऐसा नौजवान था, जो पैसों की खातिर किसी भी हद तक जा सकता था। अधेड़ उम्र की औरतों को अपने प्रेमजाल में फाँस सकता था, नौजवान लड़कियों की कमाई पर ऐश कर सकता था। वह कइयों की जिंदगी में उथल-पुथल […]
ऐतिहासिक उपन्यास इंद्रप्रिया, अपने समय की सर्वाधिक सुन्दर स्त्री, एकनिष्ठा नर्तकी, कुशल कवियत्री, समर्पित प्रेयसी, ओरछा की राय प्रवीना की केवल कथा भर नहीं है, अपितु यह दस्तावेज है, उस वीरांगना का जिसने कामुक शहंशाह अकबर के मुग़ल दरबार में अपनी विद्वता से न केवल अपनी अस्मिता की रक्षा की बल्कि उसने अकबर को पराजित […]
“उस जीवन पर क्या गर्व करना जिसमें गिनाने के लिए वर्षों की संख्या के सिवा कुछ न हो। बदलाव में जिंदगी है, ठहराव में नहीं।” – बात बनेचर बात बनेचर वो किताब है कि जब इसका पहला पन्ना खोलो तो ऐसा लगता है मानों जंगल के प्रवेश द्वार पर खड़े हो और पंछियों की, पशुओं […]
छाप तिलक सब छीनी .. वह कहानियाँ… जो स्त्री-मन की अंधेरी गलियों से हो कर गुजरीं, जीवन की आपाधापी में गुम होते-होते रह गईं और मानवीय प्रेम और करूणा के उजालों की तलाश में सतत विचरती रहीं। मानव-मन अपने अनगढ़ स्वरुप में कितना लुभावना हो सकता है, कितना करुणामय…. इस किताब की कहानियों के किरदार, […]
रोशन आनंद, भारत का एक नामचीन अपराध कथा लेखक था, जिसे उलझी हुई कहानियां खोजने और लिखने का शौक था। ये शौक कई बार उसे मौत के मुहाने पर लाकर भी खड़ा कर देता था। दिल्ली के थाना क्षेत्र के अधीन घटे ओपन एंड शट केस में ज्यों ही उसने अपनी दखल बनाई, सिलसिलेवार तरीके […]