सच का सौदा – सुदर्शन

विद्यार्थी-परीक्षा में फेल होकर रोते हैं, सर्वदयाल पास होकर रोये। जब तक पढ़ते थे, तब तक कोई चिंता नहीं थी; खाते थे; दूध पीते थे। अच्‍छे-अच्‍छे कपड़े पहनते, तड़क-भड़क से रहते थे। उनके माता-पिता इस योग्‍य न थे कि कालेज के खर्च सह सकें, परंतु उनके मामा एक ऊँचे पद […]