मैं उन लोगों में से नहीं हूँ, जो बड़े तड़के उठकर टहलने जाते हैं और पौ फटने से पहले ही लौट भी आते हैं. ऐसे लोगों का विशेष प्रशंसक भी नहीं हूँ. ये लोग रोज़ नियमपूर्वक इतनी जल्दी उठ लेते हैं, इससे तो प्रभावित हूँ; और तर्क के लिए यह भी मान लूँगा कि सवेरे […]
महीनों से मन बेहद-बेहद उदास है। उदासी की कोई खास वजह नहीं, कुछ तबीयत ढीली, कुछ आसपास के तनाव और कुछ उनसे टूटने का डर, खुले आकाश के नीचे भी खुलकर साँस लेने की जगह की कमी, जिस काम में लगकर मुक्ति पाना चाहता हूँ, उस काम में हज़ार बाधाएँ; कुल ले-देकर उदासी के लिए […]
कविता वह साधन है जिसके द्वारा शेष सृष्टि के साथ मनुष्य के रागात्मक सम्बन्ध की रक्षा और निर्वाह होता है। राग से यहां अभिप्राय प्रवृत्ति और निवृत्ति के मूल में रहनेवाली अंत:करणवृत्ति से है। जिस प्रकार निश्चय के लिए प्रमाण की आवश्यकता होती है उसी प्रकार प्रवृत्ति या निवृत्ति के लिए भी कुछ विषयों का […]