जब तक उसने अपने ताबूत में 2 कीलें न ठोक ली तब तक उसकी बारी नहीं आयी। एकॉर्ड को कम से कम 4 पुलिसियों ने घेर लिया। चूंकि वह बिल्कुल बायीं लेन में था इसलिए उसने अपने दाएं तरफ देखा तो पाया कि पुलिस वाले बिल्कुल भुस में सुई खोजने की तरह गाड़ीयों की तलाशी […]
उस उमस एवं गर्मी के मई के महीने में, शाम 5 बजे ,सुब्रोजित बासु उर्फ मिकी, तीसरे कत्ल की तैयारी कर रहा था। कत्ल करते रहना कितना खतरनाक हो सकता था, उसे इस बात का पूरी तरह एहसास था। जरा सी गड़बड़ से उसकी जान पर बन आ सकती थी। लिहाजा हमेशा की तरह सोच-समझकर, […]
अपराध और अपराधी, दोनों ही क्राइम-डिटेक्शन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। क्राइम डिटेक्शन में अपराधी का कैसे पता लगाये जाए, यह जानना बहुत जरूरी है। अपराध-स्थल से मिलने वाला एक सुराग भी पुलिस या डिटेक्टिव को संदिग्ध व्यक्ति तक पहुँचाने में सहायता प्रदान करता है। ये सुराग पुलिस को, अपराध को री-कंसट्रक्ट करने में भी सहायता […]
नवमी के दिन हीरासिंह के घरवाले एक साथ स्नान करने चले गये हैं। अकेला हीरासिंह शिकार से चुके हुए शेर की तरह भयंकर मूर्ती धारण किये बैठक में टहल रहा है। सोचता है- लतीफन कैसे भाग गई? उसे कौन निकाल ले गया? बाग़ का सुरंग तीन-चार आदमियों को छोड़कर और कोई नहीं जानता; जो लोग […]
सर सुरेन्द्र मोहन पाठक जी के कई उपन्यासों पर ध्यान दिया जाए तो उससे हमें यह पता चलता है की किसी अमुक और अजनबी लाल रंग के धब्बे का जब परिक्षण किया जाता है तो उससे सिर्फ ब्लड ग्रुप के बारे में जानकारी मिलती है जिसके आधार पर सस्पेक्टस को धीरे-धीरे एलिमिनेट किया जाता है। […]
क्राइम इन्वेस्टीगेशन में एविडेंस का महत्वपूर्ण योगदान है। एविडेंस एक ऐसी चीज है जिसके आधार पर न्यायलय किसी केस के लिए निर्णय लेती है। ऐसे एविडेंस कोर्ट के सामने इसलिए पेश किये जाते हैं ताकि वादी एवं प्रतिवादी पक्ष के बीच या दो पार्टी के बीच में बने विवाद के बिंदु को स्थापित किया जाए […]
अध्याय 22 : पार्वती और गूजरी सबेरे ससुर-दामाद के आरे जाने पर एक काली युवती मुंशी हरप्रकाशलाल के दरवाजे पर आई। ड्योढ़ीदार ने पूछा – “क्या चाहती है?” युवती ने हँसकर कहा – “भीतर जाना चाहती हूँ।” एक देहाती स्त्री के मुँह से ऐसी हिन्दी सुनकर ड्योढ़ीदार ने कुछ आश्चर्य के साथ उसके मुँह की […]
फॉरेंसिक साइंस ने आज जो तरक्की की है, आज जिस मुकाम पर फॉरेंसिक साइंस पहुँच चूका है उस तक पहुँचने के लिए 3-४ शताब्दियों का सहारा लिया है। आधुनिक युग के फॉरेंसिक साइंस हमारे लिए बहुत उपयोगी तो है लेकिन इसके पीछे लगी कितने ही वैज्ञानिक, डॉक्टर्स, पेथालोजिस्ट और केमिस्ट की मेहनत को हम लगभग […]
अध्याय 21 : चोर के भाग जाने पर बुद्धि चलती है आधीरात हो गयी है, चारो ओर सन्नाटा है। मकान के बाहर तीनबार “सियाराम” की आवाज़ हुई। भोला उठ बैठा और मन ही मन बोला – यही मौका है। देखा, पुजारी की नाक बज रही है। भोला ने अपनी झोली सहित बाहर निकलकर दरवाज़े की […]