लेखन में परफेक्शन परफेक्शन अर्थात पूर्णता, सिद्धि एवं प्रवीणता, आज के समय की जरूरत बन गयी है। हर चीज में परफेक्शन लाजमी होती जा रही है। आप जिस मशीन पर काम करते हैं, उसने परफेक्ट काम करना जरूरी है – आपका बॉस हमेशा आपसे परफेक्ट की उम्मीद लगाये बैठता है – आप भी किन्हीं अदाकारों, […]
अध्याय २ : पंछी का बाग़ मुंशी हरप्रकाश लाल जहाँ नाव से उतरे वहां से थोड़ी दूर पश्चिम जाने पर एक बाग़ मिलता है। किन्तु हम जिन दिनों की बात लिखते हैं उन दिनों वहां एक भयानक जंगल था, लोग इसको ‘पंछी का बाग़’ कहते हैं। इस नाम का कुछ इतिहास है:- लार्ड कार्नवालिस के […]
लेखकों के लिए, लेखन से लिया गया एक लंबा ब्रेक, उसके लिए एक श्राप के समान होता है। कभी-कभी ये ब्रेक जानबूझ कर लिए जाते हैं तो कभी स्थिति ऐसी बन आती है कि स्वतः ही ब्रेक लग जाता है। आपने अपने रोज लिखने की आदत से खुद को तोड़ लिया है या आप महीनों-हफ्तों […]
अध्याय १ : गंगा जी की धारा अगर आकाश की शोभा देखना चाहते हो तो शरद ऋतु में देखो, अगर चन्द्रमा की शोभा देखना चाहते हो तो शरद ऋतु में देखो, अगर खेतों की शोभा देखना चाहते हो तो शरद ऋतु में देखो, अगर सब शोभा एक साथ देखना चाहते हो तो शरद ऋतु में […]
“The crime novel is the great moral literature of our time.” -JEAN-PATRICK MANCHETTE
दिल्ली में बारिश का मौसम भी अजीब तरह से आता है। जहाँ मौसम विभाग कहता है कि आज बारिश होगी, तो उस दिन न होकर २ दिन लेट-लतीफी के साथ, बिल्कुल दिल्ली पुलिस की तरह देर से ही पहुँचती है। दिल्ली शहर की इस विशेषता के साथ ही इसे कुछ उन शहरों में गिना जाता […]
सभी आश्चर्यचकित निगाहों से फ्रेड को घूर रहे थे, और उसके बोलने की प्रतीक्षा कर रहे थे। फ्रेड अपनी एकाएक बन चुकी पूछ पर आनंदित होता हुआ, पांचों की तरफ देखते हुए बोला.. ‘इन्द्रेश कसाना का कातिल हम सबके बीच में ही है। कातिल ने कहानी तो बहुत सुंदर तैयार की थी लेकिन उससे थोड़ी चूक हो […]
“कौन है कातिल? “मैंने फ्रेड से पूछा । “सर कत्ल की सबसे पहले खबर किसको होती है?“ “जाहिर सी बात है, कातिल को” कमरे का माहौल और भी अधिक पैना हो उठा । “फ्रेड अब ज्यादा इन्तजार न करवाते हुए, कातिल से पर्दा उठा ही दो ।” “यस सर “ “सर इन्द्रेश कसाना का कत्ल तो कल रात […]
“आर यू श्योर, फ्रेड?” “यस सर, क्वाइट श्योर।” “लेकिन कैसे?” “बहुत सिंपल है सर, वो कहते हैं न कि झूठ के पाँव नहीं होते, तो झूठ ज्यादा देर टिक नहीं पाता है।” मैंने फ्रेड को चुप रहने का इशारा किया, और उन पाँचों को अंदर के कमरे में बैठने को कहा।जब वो पाँचों अंदर चले गए तो अब कमरे में […]