अँधेरे में
बीच की तीन पगडंडियों को पार कर बानो आती थी। आते ही पूछती थी, “कुछ पता चला?” मेरा मन झूठ बोलने के लिए मचल उठता। सोचता, कह दूँ-“हाँ, पता चल गया..हम दिल्ली जा रहे हैं।“ लेकिन बानो झूठ ताड़ जाएगी, इसलिए आँखें मूँदे रहता। बानो मेरे माथे पर हाथ […]