अध्याय १४ : पातालपुरी हीरा सिंह जब ठाकुर जी की आरती लेकर लौटा तबतक एक पहर दिन चढ़ गया था। अभी तक भोला राय वहीँ पर उसी तरह बैठा था। हीरा सिंह ने सोचा कि भोला का ढंग अच्छा नहीं है, इस समय उसको हाथ में न रखने से पीछे आफत आवेगी। यह सोचकर उसने […]
शरलॉक होम्स : द परफेक्ट डिटेक्टिव वर्तमान में, शरलॉक होम्स को सोचे बगैर क्राइम फिक्शन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। आर्थर कॉनन डायल द्वारा रचित यह किरदार विश्व में क्राइम फिक्शन का प्रतीक बन चुका है। शरलॉक होम्स को समर्पित कई, अन्तराष्ट्रीय
कोन्फ्लिक्ट (टकराव/संघर्ष) एक क्राइम उपन्यास या कहानी में ‘सस्पेंस’ का होना बहुत जरूरी होता है। इसे आप अपराध गल्प कथाओं का प्रमुख तत्व भी कह सकते हैं। नए लेखकों के लिए ‘अपराध गल्प कथा’ में सस्पेन्स डालना उतना आसान नही रहता है, हालांकि उनकी कोशिश पुरजोर रहती है
अध्याय १२ : गंगा की धारा छठ की रात तीन घड़ी बीत गयी है। डोरा के पास जंगल की नाहर से एक छोटी सी नाव निकलकर गंगा जी में आई। हीरासिंह के डाकुओं में से अबिलाख बिन्द, सागर पांडे, बुद्धन मुसहर तथा और दो आदमी उस पर सवार हैं। सागर पांडे ने जम्हाई ली और […]
प्राइवेट डिटेक्शन एडगर एलन पो को कई लोग ‘क्राइम फिक्शन का जनक’ तो कई ‘ डिटेक्शन फिक्शन का पिता’ कहते हैं। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होंने तर्कसंगत विश्लेषण का प्रयोग करते हुए,