तू ज़िन्दा है तो ज़िन्दगी की जीत में यकीन कर, अगर कहीं है तो स्वर्ग तो उतार ला ज़मीन पर! सुबह औ’ शाम के रंगे हुए गगन को चूमकर, तू सुन ज़मीन गा रही है कब से झूम-झूमकर, तू आ मेरा सिंगार कर, तू आ मुझे हसीन कर! अगर कहीं है तो स्वर्ग तो उतार […]
वीरों का कैसा हो वसंत? आ रही हिमालय से पुकार है उदधि गरजता बार-बार प्राची-पश्चिम, भू नभ अपार. सब पूछ रहे हैं दिग-दिगंत वीरों का कैसा हो वसंत? फूली सरसों ने दिया रंग मधु लेकर आ पहुंचा अनंग वसु-वसुधा पुलकित अंग-अंग हैं वीर वेश में किंतु कंत वीरों का कैसा हो वसंत? गलबांही हो, या […]
झंडा ऊंचा रहे हमारा. विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा . सदा शक्ति बरसाने वाला, प्रेम सुधा सरसाने वाला, वीरों को हरषाने वाला, मातृभूमि का तन-मन सारा, झंडा ऊंचा रहे हमारा. स्वतंत्रता के भीषण रण में, लखकर जोश बढ़े क्षण-क्षण में, कांपे शत्रु देखकर मन में, मिट जावे भय संकट सारा, […]
उरूजे कामयाबी पर कभी हिन्दोस्तां होगा | रिहा सैय्याद के हाथों से अपना आशियां होगा || चखाएंगे मजा बर्बादिये गुलशन का गुलचीं को | बहार आ जाएगी उस दम जब अपना बागबां होगा || ये आए दिन की छेड़ अच्छी नहीं ऐ खंजरे क़ातिल | पता कब फैसला उनके हमारे दरम्यां होगा || जुदा मत […]