चचा छक्कन ने तस्वीर टाँगी
चचा छक्कन कभी-कभार कोई काम अपने ज़िम्मे क्या ले लेते हैं, घर भर को तिगनी का नाच नचा देते हैं . ‘आ बे लौंडे, जा बे लौंडे, ये कीजो, वो दीजो’, घर बाज़ार एक हो जाता है. दूर क्यों जाओ, परसों की ही बात है, दुकान से तस्वीर का चौखटा […]