कई वर्ष पश्चात दूरदर्शन पर धारावाहिक ‘रामायण’ के पुनः प्रसारण से कौशल्या देवी बहुत खुश थीं। सुबह के नौ बजते ही टेलीविजन के सामने हाथ जोड़ कर बैठ जाती थीं। आज रामायण देखते हुए वह अत्यंत भावविभोर हो रही थीं। सीता एवं लक्ष्मण को राम के संग वन जाते हुए देखकर कौशल्या देवी की आंखों […]
बहुत दिनों से नौवीं की छात्रा कलिका, स्टाफ- रूम में चर्चा का विषय बनी हुई है. शिक्षिकाएं एकमत हैं कि उसे कोई मानसिक समस्या जरूर है. सबको श्रीमती मीरा वर्मा का इंतजार है, जो अपने ढीली सेहत के चलते, लम्बी छुट्टी पर थीं और वापस स्कूल ज्वाइन करने वाली हैं. आठवीं में वे ही कलिका […]
मैं हतप्रभ हूँ. उन आँखों की सदाबहार चमक, आंसुओं से धुंधला गयी है. वे जुझारू तेवर, वे हौसले, पहली बार पस्त पड़ गये हैं. मेरी परिचिता, प्रबुद्ध, जीनियस स्त्री कही जा सकती है. उसने कई बार, खुद को साबित किया है. जीवन – दर्शन को लेकर, वह संजीदा हो उठती है; वक्ता बनकर, श्रोता पर, […]
रामानंद बाबू को अस्पताल में भर्ती हुए आज दो महीने हो गये। वे कर्क रोग से ग्रसित हैं। उनकी सेवा-सुश्रुषा करने के लिए उनका सबसे छोटा बेटा बंसी भी उनके साथ अस्पताल में ही रहता है। बंसी की माँ को गुज़रे हुए क़रीब पाँच वर्ष हो चुके हैं। अपनी माँ के देहावसान के समय बंसी […]
ओमप्रकाश भारतीय उर्फ़ पलटू जी शहर के सबसे बड़े उद्योगपति होने के साथ ही फ़ेमस डॉग लवर अर्थात् प्रसिद्ध कुत्ता प्रेमी भी थे। पलटू जी ने लगभग सभी नस्ल के कुत्ते पाल रखे थे। उन्हें कुत्तों से इतना प्रेम था कि कुत्तों के मल-मूत्र भी वे स्वयं साफ़ किया करते थे। उनके श्वान प्रेम पर […]
उसने अपनी छोटी- छोटी आंखें खोलीं । सामने मम्मी-पापा खड़े थे । उनको देखकर उसके चेहरे के भावों में कोई परिवर्तन नहीं आया । मानो कुछ ना हुआ हो । कुछ ना देखा हो । अगर कुछ देखा भी तो महत्वहीन । तभी बेड के किनारे खड़ी दादी पर उसकी नजर पड़ी। उनको देखते ही […]
“असतो माँ सद्गमय , तमसो माँ ज्योतिर्गमय मृत्योर माँ अमृतगमय…..!!” धुनकी अपने पोपले मुँह से कुछ भूले -बिसरे , आधे-पूरे मंत्रों और भजनों को गाये जा रही थी। आज वो बहुत खुश थी। हो भी क्यों न? आज उसके सभी अपने उससे मिलने जो आ रहे थे। बरसो से मन में ठान रखा था । […]
दिसंबर की किसी सर्द रात में दो बजे दिल्ली के एक बड़े अस्पताल में आईसीयू के बाहर बैठे डॉक्टर साहब मरीजों के बही खाते भर रहे थे। अभी अभी वार्ड से निरीक्षण करके लौटे थे। नर्स जनरल वार्ड की तरफ गई हुई थी। “डॉक्टर साहब। बचा लीजिये हमको।”, अचानक आईसीयू से आवाज आई। डॉक्टर साहब […]
इस बार तो गजब ही हो गया। दो दिन पहले अचानक से तुम्हारा ईमेल आया, “किताब अच्छी है। लेकिन मैं अब वापस नहीं लौट सकती।” कोई नो यू टर्न का बोर्ड लगा है क्या? खैर जाने दो। हम कर भी क्या सकते हैं। तुम तो पता नहीं किस रास्ते पर चली गयी हो। लेकिन क्या […]