चाँदी का जूता- बाल शौरि रेड्डी
संयोग की बात थी, मैं जिस दिन अपने वकील मित्र शिवराम के घर पहुँचा, उसी दिन मेरे मित्र के पुत्र की वर्षगाँठ धूमधाम से मनाई जा रही थी। भोज में निमंत्रित व्यक्तियों में वेंकटेश्वर राव को देखकर मेरी बाँछे खिल गईं। उसी समय देखता क्या हूँ, एकदम उछलकर वह मुझसे […]