शेखचिल्ली अपने घर के बरामदे में बैठे-बैठे खुली आँखों से सपने देख रहे थे. उनके सपनों में एक विशालकाय पतंग उड़ी जा रही और शेखचिल्ली उसके ऊपर सवार थे. कितना आनंद आ रहा था आसमान में उड़ते हुए नीचे देखने में. हर चीज़ छोटी नज़र आ रही थी. तभी अम्मी की तेज़ आवाज ने उन्हें […]
शेखचिल्ली इस समय वही कर रहा था, जिसमें उसमें सबसे ज्यादा मज़ा आता था- पतंगबाज़ी . वो इस समय अपने घर की छत पर खड़ा था और आसमान में लाल-हरी पतंगों के उड़ने का मजा ले रहा था. शेख की कल्पना भी उड़ान भरने लगी. वह सोचने लगा- काश मैं इतना छोटा होता कि पतंग […]
हिन्दी व्याकरण लिखने के शुरूआती प्रयास औरंगजेब के शासन काल में हुए, जब मिर्ज़ा खां ने ब्रजभाषा का संक्षिप्त परिचयात्मक इतिहास लिखा. संभवतः 1715 ई. के आसपास हॉलैंड के जोशुआ जॉन केटलर ने हिन्दुस्तानी भाषा का व्याकरण लिखा, जिसे सुनीति कुमार चाटुर्ज्या ने ‘हिन्दुस्तानी का सबसे प्राचीन व्याकरण’ कहा है. डॉक्टर जॉन गिलक्राइस्ट ने 1790 […]
(स्वामी रामकृष्ण परमहंस द्वारा अपने शिष्यों को सुनाई गई एक कथा पर आधारित।) एक समय की बात है।एक गाँव के चरवाहे प्रतिदिन अपने पशुओं को जंगल में चराने के लिए ले जाते थे।उनके मार्ग में एक विशाल वृक्ष पड़ता था।वृक्ष के नीचे बिल में एक विषैला नाग रहता था।यदि कोई व्यक्ति उस वृक्ष के पास […]
कवि सिंहलद्वीप, उसके राजा गन्धर्वसेन, राजसभा, नगर, बगीचे इत्यादि का वर्णन करके पद्मावती के जन्म का उल्लेख करता है। राजभवन में हीरामन नाम का एक अद्भुत सुआ था जिसे पद्मावती बहुत चाहती थी और सदा उसी के पास रहकर अनेक प्रकार की बातें कहा करती थी। पद्मावती क्रमश: सयानी हुई और उसके रूप की ज्योति […]