
राजीव सिन्हा
Posts by राजीव सिन्हा:

क्या पद्मावत सूफी काव्य है?
आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने मलिक मुहम्मद जायसी को सूफी कवि मानते हुए उन्हें सूफी प्रेमाश्रयी काव्य धारा के अन्तर्गत रखा है। आचार्य शुक्ल के अनुसार जायसी महदियां सूफी सम्प्रदाय में दीक्षित भी थे। यद्यपि शुक्ल जी से पूर्व ग्रियर्सन जायसी को मुस्लिम सन्त बता चुके थे, तथापि शुक्ल जी के […]
भ्रमरगीत सार का विरह शृंगार
आचार्य शुक्ल ने शृंगार को रसराज कहा है। कारण यह है कि शृंगार रस के सहारे मनुष्य के सभी भावों को व्यंजित किया जा सकता है। यद्यपि सूरदास के यहाँ शृंगार के दोनों पक्षों संयोग और वियोग का चित्रण मिलता है, तथापि सूरदास का मन ज्यादातर वियोग वर्णन में ही […]
कबीर कवि, समाज सुधारक या भक्त
हजारी प्रसाद द्विवेदी के अनुसार ‘कबीर ने ऐसी बहुत सी बातें कहीं है जिनसे समाज सुधार में सहायता मिलती है, इसलिए उन्हें समाज सुधारक समझना उचित है। वस्तुतः उनकी व्यक्तिगत साधना की परिधि इतनी व्यापक थी कि वह अनजाने ही समाज की समस्त विकृतियों को झकझोरती हुई ब्रह्म में लीन […]
