काजर की कोठरी खंड-12 के लिए क्लिक करें काजर की कोठरी सभी खंड सरला और शिवनंदन के शादीवाले दिन का हाल बयान करते हैं। वह दिन पारसनाथ और हरिहरसिंह के लिए बड़ी खुशी का दिन था। हरनंदन की इच्छानुसार बाँदी ने पूरा-पूरा बंदोबस्त कर दिया था और इसी बीच में हरनंदन […]
काजर की कोठरी खंड-11 के लिए क्लिक करें काजर की कोठरी सभी खंड पारसनाथ बाजार को तय करता हुआ ऐसी जगह पहुँचा, जहाँ से बहुत तंग और गंदी गलियों का सिलसिला जारी होता था और इन गलियों में घूमता हुआ एक उजाड़ मुहल्ले में पहुँचा, जहाँ दिन-दोपहर के समय भी आदमियों […]
काजर की कोठरी खंड-10 के लिए क्लिक करें काजर की कोठरी सभी खंड आज हम फिर हरनंदन और उनके दोस्त रामसिंह को एक साथ हाथ में हाथ दिए उसी बाग के अंदर सैर करते देखते हैं जिसमें एक दफे पहिले देख चुके हैं। यों तो उन दोनों में बहुत देर से बातें हो रही […]
काजर की कोठरी खंड-9 के लिए क्लिक करें काजर की कोठरी सभी खंड अब हम थोडा-सा हाल लालसिंह के घर का बयान करते हैं। लालसिंह को घर से गायब हुए आज तीन या चार दिन हो चुके हैं। न तो वे किसी से कुछ कह गए हैं […]
काजर की कोठरी खंड-8 के लिए क्लिक करें काजर की कोठरी सभी खंड बाँदी की अम्मा पारसनाथ से मनमाना पुर्जा लिखवाकर नीचे उतर गई और अपने कमरे में न जाकर एक दूसरी कोठरी में चली गई जिसमें सुलतानी नाम की एक लौंडी का डेरा था। […]
काजर की कोठरी खंड-7 के लिए क्लिक करें काजर की कोठरी -सभी खंड इस समय हम बाँदी को उसके मकान में छत के ऊपरवाली उसी कोठरी में अकेली बैठी हुई देखते हैं जिसमें दो दफे पहिले भी उसे पारसनाथ और हरनंदन के साथ देख चुके हैं। हम यह नहीं कह सकते […]
काजर की कोठरी खंड-6 के लिए क्लिक करें काजर की कोठरी के सभी खंड अब हम अपने पाठकों को एक ऐसी कोठरी में ले चलते हैं जिसे इस समय कैदखाने के नाम से पुकारना बहुत उचित होगा, मगर यह नहीं […]
नागर थोड़ी दूर पश्चिम जाकर घूमी और फिर उस सड़क पर चलने लगी जो रोहतासगढ़ की तरफ गई थी। पाठक स्वयं समझ सकते हैं कि नागर का दिल कितना मजबूत और कठोर था। उन दिनों जो रास्ता काशी से रोहतासगढ़ को जाता था, वह बहुत ही भयानक और खतरनाक था। कहीं-कहीं तो बिल्कुल ही […]
पारसनाथ अपने चाचा के हाल-चाल बराबर लिया करता था। उसने अपने ढंग पर कई ऐसे आदमी मुकर्रर कर रखे थे जो कि लालसिंह का रत्ती-रत्ती हाल उसके कानों तक पहुँचाया करते और जैसा कि प्रायः कुपात्रों के संगी-साथी किया करते हैं उसी तरह उन खबरों में बनिस्बत सच के झूठ का हिस्सा बहुत ज्यादे रहा […]