पद्मावत रत्नसेन जन्म खंड
चित्रसेन चितउर गढ राजा । कै गढ कोट चित्र सम साजा ॥ तेहि कुल रतनसेन उजियारा । धनि जननी जनमा अस बारा ॥ पंडित गुनि सामुद्रिक देखा । देखि रूप औ लखन बिसेखा ॥ रतनसेन यह कुल-निरमरा । रतन-जोति मन माथे परा ॥ पदुम पदारथ लिखी सो जोरी । चाँद […]