मिथक में क्राइम डिटेक्शन पिछले पांच हिस्से लिखने के बाद, आज आपको फिर से ‘बैक टू स्क्वायर’ वहीं लेकर जा रहा हूँ जहां से इस सीरीज के लेखों की शुरुआत हुई थी। नहीं, मैं आपको उससे पहले के समय में लेकर जा रहा हूँ। जब लेखन नहीं किया जाता था तब कहानियों को सुना जाता […]
शरलॉक होम्स : द परफेक्ट डिटेक्टिव वर्तमान में, शरलॉक होम्स को सोचे बगैर क्राइम फिक्शन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। आर्थर कॉनन डायल द्वारा रचित यह किरदार विश्व में क्राइम फिक्शन का प्रतीक बन चुका है। शरलॉक होम्स को समर्पित कई, अन्तराष्ट्रीय
प्राइवेट डिटेक्शन एडगर एलन पो को कई लोग ‘क्राइम फिक्शन का जनक’ तो कई ‘ डिटेक्शन फिक्शन का पिता’ कहते हैं। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होंने तर्कसंगत विश्लेषण का प्रयोग करते हुए,
पुलिस प्रशासन एवं डिटेक्टिव्स एक क्राइम फिक्शन कहानी के लिए क्या-क्या चीजें चाहिये – अपराध, अपराधी, मकतूल, डिटेक्टिव या पुलिस ऑफिसर। ब्रिटेन और अमेरिका के शुरुआती दौर (18 वीं शताब्दी) के क्राइम-फिक्शन कहानियों में पुलिस और डिटेक्टिव्स का कहीं भी इस्तेमाल होता नही दिखाया जाता है। 19वीं सदी के आरंभ तक भी,
‘द न्यूगेट कैलेंडर’ के ब्योरे से लेखन तक जहां विश्व पटल पर शरलॉक होल्म्स किरदार ने विश्व-विख्यात ख्याति पायी, वहीं ‘द न्यूगेट कैलेंडर’ को दुनिया ने भुला दिया। सबसे ज्यादा रुचिकर यह है कि इसका नाम ‘द न्यूगेट कैलेंडर’ ही क्यूं पड़ा – एक्चुअली लंदन में उस जेल का नाम ‘न्यूगेट प्रिजन’ था, जहां
शरलॉक होल्म्स एवं ‘द न्यूगेट कैलेंडर’ विश्व के पटल पर जब भी क्राइम फिक्शन का नाम लिया जाता है तो वह जाने या अनजाने, परोक्ष य्य अपरोक्ष में, सर आर्थर कॉनन डायल के प्रसिद्ध किरदार ‘शरलॉक होल्म्स’ से जरूर जुड़ा होता है। ‘शरलॉक होल्म्स’ एक ऐसा किरदार है, जिसे लोग भुलाए नही भुलाते, डिटेक्शन की […]