टिटवाल का कुत्ता
कई दिन से दोनों पक्ष अपने-अपने मोर्चे पर जमे हुए थे। दिन में इधर और उधर से दस बारह फ़ायर किए जाते जिन की आवाज़ के साथ कोई इंसानी चीख़ बुलंद नहीं होती थी। मौसम बहुत ख़ुशगवार था। हवा ख़ुद ही उगे फूलों की महक में बसी हुई थी। पहाड़ियों […]