देवसेना का गीत
देवसेना का गीत जयशंकर प्रसाद के नाटक स्कंदगुप्त से लिया गया है। काव्यांश आह! वेदना मिली विदाई! मैंने भ्रम-वश जीवन संचित, मधुकरियों की भीख लुटाई। छलछल थे संध्या के श्रमकण, आँसू-से गिरते थे […]