Skip to content

रात आधी खींच कर… हरिवंश राय बच्चन

5 1 vote
Article Rating

रात आधी खींच कर मेरी हथेली
एक उंगली से लिखा था प्यार तुमने।
फ़ासला था कुछ हमारे बिस्तरों में
और चारों ओर दुनिया सो रही थी।
तारिकाऐं ही गगन की जानती हैं
जो दशा दिल की हमारे हो रही थी।
मैं तुम्हारे पास होकर दूर तुमसे
अधजगा सा और अधसोया हुआ सा।
रात आधी खींच कर मेरी हथेली
एक उंगली से लिखा था प्यार तुमने।
एक बिजली छू गई सहसा जगा मैं
कृष्णपक्षी चाँद निकला था गगन में।
प्रात ही की ओर को है रात चलती
औ उजाले में अंधेरा डूब जाता।
मंच ही पूरा बदलता कौन ऐसी
खूबियों के साथ परदे को उठाता।
एक चेहरा सा लगा तुमने लिया था
और मैंने था उतारा एक चेहरा।
वो निशा का स्वप्न मेरा था कि अपने
पर ग़ज़ब का था किया अधिकार तुमने।
रात आधी खींच कर मेरी हथेली
एक उंगली से लिखा था प्यार तुमने।
और उतने फ़ासले पर आज तक
सौ यत्न करके भी न आये फिर कभी हम।
फिर न आया वक्त वैसा
फिर न मौका उस तरह का
फिर न लौटा चाँद निर्मम।
और अपनी वेदना मैं क्या बताऊँ।
क्या नहीं ये पंक्तियाँ खुद बोलती हैं?
बुझ नहीं पाया अभी तक उस समय जो
रख दिया था हाथ पर अंगार तुमने।
रात आधी खींच कर मेरी हथेली
‘बच्चन’

5 1 vote
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
5 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
सभी टिप्पणियाँ देखें

Bahut Barhia… IBlog ki dunia me aapka swagat hai…si Tarah Likhte rahiye.

http://hellomithilaa.blogspot.com
Mithilak Gap Maithili Me

http://mastgaane.blogspot.com
Manpasand Gaane

http://muskuraahat.blogspot.com
Aapke Bheje Photo

vallabh

रात आधी खींच कर मेरी हथेली
एक उंगली से लिखा था प्यार तुमने।

ati sundar…badhai..

चिट्ठाजगत में आपका स्वागत है…….भविष्य के लिये ढेर सारी शुभकामनायें.

गुलमोहर का फूल

VaRtIkA

shri harivansh rai bacchan ji ki yeh rachnaa meri sabse favourite rachnaon mein se ek hai… so dhanyawaad ise hum sab ke saath baantne kaa…

par aapse anurodh hai ki kripyaa kisi anya ki kavita( phir chahe vo kitni bhi famous kavi ki hi ho), unkaa naam avashya likhein…..

hindi blogjagat mein aapka swagat hai…

https://youtu.be/uZncfRHuTcc
अमिताभ बच्चन की आवाज में…. रात आधी खींच कर मेरी हथेली…