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3 Comments

  1. विक्की
    February 26, 2020 @ 9:58 pm

    जबरदस्त शानदार

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  2. चंदन कुमार
    February 26, 2020 @ 10:45 pm

    कहानी को पढते ही , वयोमकेश बख्शी की याद आ गई…
    मुझे तो यही पता था , कि गोपालराम गहमरी जी पहले जासूसी लेखक थे/.
    मगर जो अंत मे नोट दिया गया है..
    उससे तो शरतेंदू जी पहले जासूसी लेखक लगते है..
    बहुत ही बढिया कहानी..
    ऐसी ही कुछ अौर कहानी भी लोड करें???

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  3. Amarendra
    March 12, 2020 @ 7:41 pm

    बहुत ही रोचक कहानी है। इस चयन के लिए राजीव सर आपको बधाई। आपका यह प्रयास बहुत सराहनीय है।

    Reply

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