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जो तुम आ जाते एक बार- महादेवी वर्मा

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जो तुम आ जाते एक बार
कितनी करूणा कितने संदेश
पथ में बिछ जाते बन पराग
गाता प्राणों का तार तार
अनुराग भरा उन्माद राग
आँसू लेते वे पथ पखार
जो तुम आ जाते एक बार
हँस उठते पल में आर्द्र नयन
धुल जाता होठों से विषाद
छा जाता जीवन में बसंत
लुट जाता चिर संचित विराग
आँखें देतीं सर्वस्व वार
जो तुम आ जाते एक बार

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Om prakash

Bahut achha dil chu liya

Sonu

यह मेरी पसंदीदा रचना है । बहुत ही खूबसूरत !

rajinder kumar

अनमोल कहनिया .बहुत अच्छा प्रयास हम साहित्य प्रेमीयो के लिये.