जो तुम आ जाते एक बार- महादेवी वर्मा
जो तुम आ जाते एक बार
कितनी करूणा कितने संदेश
पथ में बिछ जाते बन पराग
गाता प्राणों का तार तार
अनुराग भरा उन्माद राग
आँसू लेते वे पथ पखार
जो तुम आ जाते एक बार
हँस उठते पल में आर्द्र नयन
धुल जाता होठों से विषाद
छा जाता जीवन में बसंत
लुट जाता चिर संचित विराग
आँखें देतीं सर्वस्व वार
जो तुम आ जाते एक बार
May 26, 2020 @ 6:53 pm
Bahut achha dil chu liya
June 17, 2020 @ 1:23 pm
यह मेरी पसंदीदा रचना है । बहुत ही खूबसूरत !
August 3, 2020 @ 11:17 am
अनमोल कहनिया .बहुत अच्छा प्रयास हम साहित्य प्रेमीयो के लिये.