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4 Comments

  1. ओम गिल
    January 17, 2019 @ 11:10 pm

    भूत प्रेत के नाम से लोगों को डरा कर, दुष्कर्म करने वाले लोगों की पोल खोलती एक सार्थक कहानी I इसे पुरस्कृत होना ही था l एक अच्छी कहानी के लिए, आपको बहुत बहुत बधाई !

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  2. Amit wadhwani
    January 17, 2019 @ 11:37 pm

    जैसा की अनुमान था अंत वहीँ हुआ, बेहतरीन साहब ऐसे ही कई और मुद्दे है पर अफ़सोस हम यह सीख और सच्चाई उन तक नहीं पहुंचा पाते जो अन्धविश्वास का पोटला खुद भी उठाये रहते और पीसना उनके बच्चों को पड़ता है, आपकी कोशिश को मेरा साधुवाद?

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  3. Mukesh Devrani
    January 20, 2019 @ 10:27 pm

    मानव के भीतर के जिन्न से रूबरू कराती एक सुन्दर रचना।मां-बाप की अज्ञानता और अंधविश्वासों का लाभ समाज के प्रतिष्ठित पदों पर बैठे लोग कैसे उठाते हैं का पर्दाफाश रोचक शब्दों में किया गया है।
    सईद जी को बधाई

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  4. NUTAN SINGH
    May 8, 2020 @ 5:31 pm

    Jab siksha samajh ko disha dikhane ki jagah dharm k ekke hanke to buraiyan hi utpann hongi.lekhak sacchai dikhane k liye sadhuwad k patra hain.

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