एक थी बुढ़िया. उसका एक पोता था. पोता रोज़ रात में सोने से पहले दादी से कहानी सुनता. दादी रोज़ उसे तरह-तरह की कहानियाँ सुनाती. एक दिन मूसलाधार बारिश हुई. ऐसी बारिश पहले कभी नहीं हुई थी. सारा गाँव बारिश से परेशान था. बुढ़िया की झोंपड़ी में पानी जगह-जगह से टपक रहा था—- टिपटिप टिपटिप […]
जयराज की तीस वर्ष की अवस्था होगी. धुन में बँधा, सदा कामकाज में रहता है. अपने प्रांत की कांग्रेस का वही प्राण है. लोग उसे बहुत मानते हैं. उन्हें छोड़ और वह रहता किसके लिए है? अविवाहित है और उससे विवाह का प्रस्ताव करने की हिम्मत किसी को नहीं होती. सबेरे का वक्त था. नौ […]
सेन साहब की नई मोटरकार बँगले के सामने बरसाती में खड़ी है—काली चमकती हुई, स्ट्रीमल इंड; जैसे कोयल घोंसले में कि कब उड़ जाए. सेन साहब को इस कार पर नाज है — बिल्कुल नई मॉडल, साढ़े सात हजार में आई है. काला रंग, चमक ऐसी कि अपना मुंह देख लो. कहीं पर एक धब्बा […]
वाजिदा तबस्सुम उर्दू की मशहूर अफसानानिगार रही हैं. 1975 में लिखी उतरन उनकी सर्वाधिक चर्चित कहानी है. अंग्रेजी में ‘Cast-Offs’ या ‘Hand-Me Downs के नाम से अनूदित इस कहानी का कई भारतीय भाषाओं में भी अनुवाद हुआ. टेलीविजन पर इसी नाम के धारावाहिक के अतिरिक्त मीरा नायर की चर्चित फिल्म ‘Kama Sutra: A Tale of […]
शाम को जब दीनानाथ ने घर आकर गौरी से कहा, कि मुझे एक कार्यालय में पचास रुपये की नौकरी मिल गई है, तो गौरी खिल उठी. देवताओं में उसकी आस्था और भी दृढ़ हो गयी. इधर एक साल से बुरा हाल था. न कोई रोजी न रोजगार. घर में जो थोड़े-बहुत गहने थे, वह बिक […]
(स्वामी रामकृष्ण परमहंस द्वारा अपने शिष्यों को सुनाई गई एक कथा पर आधारित।) एक समय की बात है।एक गाँव के चरवाहे प्रतिदिन अपने पशुओं को जंगल में चराने के लिए ले जाते थे।उनके मार्ग में एक विशाल वृक्ष पड़ता था।वृक्ष के नीचे बिल में एक विषैला नाग रहता था।यदि कोई व्यक्ति उस वृक्ष के पास […]
काज़ी गयासुद्दीन से पहली बार मैं कॉफ़ी हाउस में मिला था. मेरे एक दोस्त ने उनसे मेरा परिचय कराते हुए कहा, ‘इनसे मिलिये, यह काज़ी गयासुद्दीन हैं—प्रसिद्ध इतिहासकार.’ मैंने मिलाने के लिए हाथ बढ़ाया तो मेरे दोस्त ने उचककर मेरे हाथ को पकड़ते हुए कहा, ‘यह क्या ग़ज़ब करते हो ! क्या तुम्हें नहीं मालूम […]
बारह साल बीत गए. एक युग से पावागढ़ को घेरे हुए था- गुजरात का बादशाह महमूद बेगड़ा. वह परेशान और थका हुआ था. एक दिन उसने अपने सेनापति से कहा- “लगता है कि हमें वापस ही लौटना पड़ेगा. यह हमारे लिये बड़े शर्म की बात होगी,” सेनापति ने कुछ देर सोचा फिर गंभीर होकर कहा, […]
राजस्थान और गुजरात की सीमा पर बसा एक छोटा-सा गाँव था ‘नरसी की ढाणी’।राजस्थान के और गाँवों की तरह यहाँ भी पानी की बहुत कमी थी।गाँव की बहू-बेटियाँ सिर पर घड़े रखकर दूर-दूर से पानी लाती थीं। इसी गाँव की एक बींदणी थी-सुनेली।घर का सारा काम-काज और दूर से पानी भरकर लाना, शाम तक सुनेली […]