कहानियाँ
छोटा जादूगर
कार्निवल के मैदान में बिजली जगमगा रही थी। हँसी और विनोद का कलनाद गूँज रहा था। मैं खड़ा था। उस छोटे फुहारे के पास, जहाँ एक लडक़ा चुपचाप शराब पीनेवालों को देख रहा था। उसके गले में फटे कुरते के ऊपर से एक मोटी-सी सूत की रस्सी पड़ी थी और […]
मुशायरा-बेढब बनारसी
लफ़्टंट पिगसन की डायरी का एक अंश इतने दिनों तक भारतवर्ष में रहने के पश्चात् मुझे यह ज्ञात हो गया कि सेना विभाग में काम बहुत ही कम है। खूब भोजन करना, घुड़सवारी करना, चाँदमारी करना, परेड करा देना, यही हम लोगों का काम था और सप्ताह में तीन-चार दिन […]
चचा छक्कन ने कारतूस भरे
कायँ! कायँ !! कायँ !!! शाम का समय था। चचा छक्कन शेख साहब के साथ हमेशा की तरह शतरंज खेल रहे थे। मिर्जा साहब हुक्का पीते जाते थे और कभी-कभी किसी अच्छी चाल पर खुश होकर दोनों की तारीफ भी करते जाते थे, कि इतने में शेख साहब बोले-“देखिए, […]