द ब्लाइंड गेम #३
पवन महाजन के चेहरे पर अब मिश्रित भाव आ रहे थे, वह समझ नहीं पा रहा था कि वह खुशी से नाचे या अपना सिर पकड़ बैठकर रोना शुरू करे। जिस मेहनत से उसने अपने घर से यहां तक कि दूरी तय की थी उस रू में वह भौचक्का था […]
पवन महाजन के चेहरे पर अब मिश्रित भाव आ रहे थे, वह समझ नहीं पा रहा था कि वह खुशी से नाचे या अपना सिर पकड़ बैठकर रोना शुरू करे। जिस मेहनत से उसने अपने घर से यहां तक कि दूरी तय की थी उस रू में वह भौचक्का था […]
वह एक ऐसा कमरा था जिसमें मात्र एक दरवाजा और वेंटिलेशन के नाम पर कुछ भी उठा कमरे के स्ट्रक्चर में मौजूद नहीं था। उस दरवाजे से भीतर अगर कोई झांकता तो पाता कि कमरे में सामान के नाम पर एक मेटल की टेबल जो दोनों तरफ से फोल्ड होकर […]
अगली सुबह अखबार के राजधानी की खबरों वाली पेज को राजधानी में हुए खबरों ने कवर किया हुआ था। पहली खबर अमितेश गुप्ता नामक एक एंटरप्रेन्योर की थी जिसकी लाश जनकपुरी डिस्ट्रिक्ट सेंटर के करीबी रोड पर लावारिश पाई गई थी। वहीं दूसरी खबर एक एक्सीडेंट की थी जो डी […]
हाजत में हरिणापि हरेणापि ब्रह्मणा त्रिदशैरपि | ललाटलिखिता रेखा न शक्या परिमार्जयितुम्|| (व्यास:) योंहीं सारी रात बीती और सबेरे जब मुझे एक कांस्टेबिल ने खूब चिल्ला-चिल्ला कर जगाया, तब मेरी नींद खुली। मैं आँखें मल और भगवान का नाम लेकर उठ बैठी और बाहर खड़े हुए कांस्टेबिल से मैंने पूछा,–“क्यों […]
कुंअर आनन्दसिंह के जाने के बाद इन्द्रजीतसिंह देर तक उनके आने की राह देखते रहे। जैसे-जैसे देर होती थी, जी बेचैन होता जाता था। यहां तक कि तमाम रात बीत गई, सवेरा हो गया, और पूरब तरफ से सूर्य भगवान दर्शन देकर धीरे-धीरे आसमान पर चढ़ने लगे। जब पहर भर […]