संवत् 1375 से लेकर संवत् 1700 तक के काल को भक्ति काल कहा जाता है। भारतीय इतिहास में पहली बार समस्त देश की चेतना इस काल में भक्ति भाव धारा से अनुप्राणित हो उठी। ग्रियर्सन ने कहा है — भक्ति काव्य का आरंभ भक्ति आंदोलन इतने जोर शोर से कैसे आरंभ हुआ और इसके […]
अमीर खुसरो को खड़ी बोली हिन्दी का पहला कवि माना जाता है. इस भाषा का हिन्दवी नाम से उल्लेख सबसे पहले उन्हीं की रचनाओं में मिलता है. हालांकि वे फारसी के भी अपने समय के सबसे बड़े भारतीय कवि थे, लेकिन उनकी लोकप्रियता का मूल आधार उनकी हिन्दी रचनाएं ही हैं. अबुल हसन यमीनुद्दीन मुहम्मद […]
आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने हिन्दी साहित्य के आदिकाल को वीरगाथा काल नाम दिया है. इसके लिए तर्क देते हुए वो कहते हैं- “ राजाश्रित कवि और चारण जिस प्रकार नीति, श्रृंगार आदि के फुटकल दोहे राजसभाओं में सुनाया करते थे, उसी प्रकार अपने आश्रयदाता राजाओं के पराक्रमपूर्ण चरितों या गाथाओं का वर्णन भी किया करते […]
राहुल सांकृत्यायन ने अपनी पुस्तक ‘काव्यधारा’ में 7वीं सदी के अपभ्रंश के कवि सरहपा को हिन्दी का पहला कवि माना है. डॉ रामकुमार वर्मा हिन्दी साहित्य का प्रारम्भ संवत् 750 से मानते हैं. जॉर्ज ग्रियर्सन के अनुसार, हिन्दी साहित्य की शुरुआत संवत् 700 (643 ई) से होती है. स्पष्टतया, अधिकांश विद्वान अपभ्रंश के उस दौर […]