वर्षा भीगी
अभी-अभी बस पानी थमा ही है और अभी-अभी कानन उसके होटल के कमरे से अस्वीकृता लौटी है. कानन ने इसे तिरस्कार समझा, लेकिन स्वयं उसने क्या समझा, यह वह भी नहीं जानता. अभी तो कुर्सी की गीली गद्दी की सलवटें तक यथावत हैं. साँझ बहुत पूर्व ही हो चुकी थी, बल्कि कहना चाहिए कि […]