Skip to content

13 Comments

  1. Siddharth
    March 8, 2020 @ 8:58 pm

    इसे कहते हैं काल जई रचना, वाह

    Reply

  2. sanjay sharma
    March 11, 2020 @ 8:47 pm

    पुरोहीत का लेखन बहोत कसा हुवा
    और शानदार है।

    Reply

  3. sanjay sharma
    March 11, 2020 @ 8:50 pm

    पुरोहीत जी का लेखन बहोत शानदार है, ये कमर्शीयल लिखे तो छा जाये

    Reply

  4. विकास डावर
    March 12, 2020 @ 9:15 pm

    बहुत बढ़िया डाक्टर साहब

    Reply

  5. puneet
    March 14, 2020 @ 2:09 pm

    बहुत खूब डॉ साहब

    Reply

  6. राशीद शेख
    March 14, 2020 @ 2:24 pm

    वाह, मजा आ गया, खूब लिखा डॉ साहब, पहली बार पूरा पढ़ पाया, साहित्य विमर्श की वजह से, गुरुजी को साधुवाद

    Reply

  7. लोकेश गौतम
    March 17, 2020 @ 1:26 am

    वाह!! क्या शानदार लेखनी है… मान गये…. बहुत दिनों बाद इतना अच्छा हास्य पढ़ने को मिला वो भी इतने दिलचस्प तरीके से।

    Reply

  8. विक्की
    March 17, 2020 @ 4:05 pm

    “फिर घोड़े क्या आसमान से बरसेंगे हुजूर?”
    गज़ब गज़ब गज़ब हंस हंस के लोट पोट होगया हु ????? जबरदस्त कहाँनी

    Reply

  9. खुमेश शर्मा
    March 18, 2020 @ 12:41 pm

    अब आगे से कभी घोड़ों की खेती मत करना ??? शानदार ,जानदार जिंदाबाद ???

    Reply

  10. धर्मेंद्र त्यागी
    March 19, 2020 @ 1:03 pm

    ये हास्य कहानी जितनी बार पढो अलग ही मजा देती है
    पुरोहित जी ने बहुत कमाल लिखा है

    Reply

  11. Jairam
    March 21, 2020 @ 11:04 pm

    वाह वाह गजब

    Reply

  12. Hitesh Rohilla
    March 24, 2020 @ 8:05 pm

    शानदार…..डॉक्टर पुरोहित की अगली रचना का इंतज़ार रहेगा।

    Reply

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *