रस सिद्ध और मैथिली कोकिल के नाम से विख्यात विद्यापति आदिकालीन कवियों में अन्यतम हैं. संस्कृत, अवहट्ट और मैथिली – तीनों भाषाओं पर समान अधिकार रखने वाले विद्यापति अपनी रचनाओं में रसिक, चिंतक और भक्त की भूमिकाओं का समुचित निर्वाह करते नजर आते हैं. संस्कृत में पुरुष परीक्षा, भू परिक्रमा, शैव सर्वस्व सार, गंगा वाक्यावली […]
अमीर खुसरो को खड़ी बोली हिन्दी का पहला कवि माना जाता है. इस भाषा का हिन्दवी नाम से उल्लेख सबसे पहले उन्हीं की रचनाओं में मिलता है. हालांकि वे फारसी के भी अपने समय के सबसे बड़े भारतीय कवि थे, लेकिन उनकी लोकप्रियता का मूल आधार उनकी हिन्दी रचनाएं ही हैं. अबुल हसन यमीनुद्दीन मुहम्मद […]
आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने हिन्दी साहित्य के आदिकाल को वीरगाथा काल नाम दिया है. इसके लिए तर्क देते हुए वो कहते हैं- “ राजाश्रित कवि और चारण जिस प्रकार नीति, श्रृंगार आदि के फुटकल दोहे राजसभाओं में सुनाया करते थे, उसी प्रकार अपने आश्रयदाता राजाओं के पराक्रमपूर्ण चरितों या गाथाओं का वर्णन भी किया करते […]