खड़ा हिमालय बता रहा है – सोहनलाल द्विवेदी
खड़ा हिमालय बता रहा है डरो न आंधी पानी में। खड़े रहो तुम अविचल हो कर सब संकट तूफानी में। डिगो ना अपने प्राण से, तो तुम सब कुछ पा सकते हो प्यारे, तुम भी ऊँचे उठ सकते हो, छू सकते हो नभ के तारे। अचल रहा जो अपने पथ […]