अपराध और अपराधी, दोनों ही क्राइम-डिटेक्शन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। क्राइम डिटेक्शन में अपराधी का कैसे पता लगाये जाए, यह जानना बहुत जरूरी है। अपराध-स्थल से मिलने वाला एक सुराग भी पुलिस या डिटेक्टिव को संदिग्ध व्यक्ति तक पहुँचाने में सहायता प्रदान करता है। ये सुराग पुलिस को, अपराध को री-कंसट्रक्ट करने में भी सहायता […]
सर सुरेन्द्र मोहन पाठक जी के कई उपन्यासों पर ध्यान दिया जाए तो उससे हमें यह पता चलता है की किसी अमुक और अजनबी लाल रंग के धब्बे का जब परिक्षण किया जाता है तो उससे सिर्फ ब्लड ग्रुप के बारे में जानकारी मिलती है जिसके आधार पर सस्पेक्टस को धीरे-धीरे एलिमिनेट किया जाता है। […]
फॉरेंसिक साइंस ने आज जो तरक्की की है, आज जिस मुकाम पर फॉरेंसिक साइंस पहुँच चूका है उस तक पहुँचने के लिए 3-४ शताब्दियों का सहारा लिया है। आधुनिक युग के फॉरेंसिक साइंस हमारे लिए बहुत उपयोगी तो है लेकिन इसके पीछे लगी कितने ही वैज्ञानिक, डॉक्टर्स, पेथालोजिस्ट और केमिस्ट की मेहनत को हम लगभग […]
हम आने वाले लेखों में आपको कुछ ऐसी आवशयक और विशेष जानकारी के बारे में बताएँगे जिसके जरिये यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है – वह अपराध जिसके दौरान किसी इंसान की मृत्यु हुई, वह हत्या थी या आत्महत्या। हम आपको हथियार, उनके प्रयोग और हथियार के चयन से व्यक्ति के बारे में निष्कर्ष निकालने […]
सर सुरेन्द्र मोहन पाठक जी के द्वारा लिखे गए लगभग सभी उपन्यास, क्राइम-फिक्शन श्रेणी के अन्दर आते हैं। चूंकि वो क्राइम-फिक्शन लिखते हैं तो उसमे क्राइम होना तो आम बात है। जब क्राइम हो कहानी में तो खून के धब्बे और उसकी धार दिखना भी साधारण सी बात है। कई बार ऐसा होता है कि […]
हत्या और आत्महत्या, हम इन दोनों शब्दों से भली-भांति परिचित हैं। दैनिक जीवन में, इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया के जरिये, हम कई ऐसे अपराधिक घटनाओं के बारे में जानते हैं, जिसमे इन दोनों टर्म का इस्तेमाल होता है। क्राइम फिक्शन पढने वाले कई पाठकों को भी इसके बारे जानकारी होती है। आपने अक्सर देखा होगा […]