Skip to content

6 Comments

  1. विक्की
    March 23, 2020 @ 2:11 pm

    बहुत हंसी आया बहुत मजेदार कहानी

    इमारतों ने एक दूसरे के साथ अपनी-अपनी जगह बदल ली है

    ये लाइन पढ़के बहुत हंसी आरहा

    बहुत शानदार कहानी

    Reply

  2. Hareesh Gupta
    March 23, 2020 @ 2:21 pm

    जबरदस्त… मज़ा आ गया। बहुत ही मज़ाकिया
    कहानी। हंसी नही रुकती पढ़ते हुए

    Reply

  3. दीपक मौर्य
    March 23, 2020 @ 3:00 pm

    Hahahaha

    Reply

  4. कुमार किशन कीर्ति,
    March 23, 2020 @ 5:50 pm

    बहुत ही रोचक कहानी है और इसमें कलमकार साहब ने उर्दू और अरबी भाषा का अधिक उपयोग किया है

    Reply

    • साहित्य विमर्श
      March 23, 2020 @ 5:55 pm

      ये कहानी मूल रूप से उर्दू में ही लिखी गयी है, जिसका आपके लिए हिंदी में अनुवाद किया गया है.

      Reply

  5. लोकेश गौतम
    March 24, 2020 @ 1:13 am

    बहुत बढ़िया।

    Reply

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *