Skip to content

लफ़्ज़ों से बनते किस्से

0 0 votes
Article Rating

“उस उमस एवं गर्मी से भरी मई के महीने में, शाम ५ बजे, सुब्रोजित बासु उर्फ़ मिकी, तीसरे क़त्ल की तैयारी कर रहा था| क़त्ल करते रहना कितना ख़तरनाक हो सकता था, उसे इस बात का पूरी तरह से एहसास था|”

 

प्रतियोगिता के नियम

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
सभी टिप्पणियाँ देखें