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अपराध गल्प लेखन : एक नज़र #५

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शरलॉक होम्स : द परफेक्ट डिटेक्टिव

वर्तमान में, शरलॉक होम्स को सोचे बगैर क्राइम फिक्शन की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। आर्थर कॉनन डायल द्वारा रचित यह किरदार विश्व में क्राइम फिक्शन का प्रतीक बन चुका है। शरलॉक होम्स को समर्पित कई, अन्तराष्ट्रीय सोसाइटीज हैं, लंदन में एक म्यूजियम है, कई फिल्मों, नाटकों एवं टेलीविज़न धारावाहिकों के जरिये यह किरदार अमर हो चुका है। और तो और, वर्तमान में कई लेखक ‘शरलॉक होम्स’ किरदार को लेकर फुल लेंथ उपन्यास लिख चुके हैं और लिख रहे हैं। उसके सभी केसेस को साहित्यिक हस्तियों एवं युवाओं द्वारा, क्रिटिसाइज एवं एनालिसिस किया जाता है। उनके केसेस पर रिसर्च वर्क किये जाते हैं एवं रिसर्च पेपर प्रकाशित होते हैं। शरलॉक होम्स ऐसा डिटेक्टिव है, जिसका प्रभाव वर्तमान के क्राइम फिक्शन पर और उन्नीसवीं शताब्दी से अब तक के अपराध गल्प साहित्य पर रहा है।

सर आर्थर कॉनन डायल स्वयं को ‘एडगर एलन पो’ के डिटेक्टिव किरदार ‘ड्यूपीन’ और उस दौर के सेंसेशन फिक्शन का कर्जदार बताते हैं। वे कहते हैं कि ‘The Newgate Calender’ और उस दौर में जो अपराधिक कहानियां आयी, वे उससे अनजान नहीं थे। सर आर्थर कॉनन डायल कहते हैं कि डिटेक्टिव राइटिंग में उनका लक्ष्य उस दौर के क्राइम फिक्शन में ‘शानदार एवं अव्यवस्थित’ डिटेक्शन को ‘विज्ञान के कुछ करीब’ लेकर आना था। वे यह भी स्वीकार करते हैं कि शरलॉक होम्स का कुछ हिस्सा, जोसफ बेल नामक सर्जन से मिलता है, जिससे कि वह मेडिकल की पढ़ाई के दौरान एक विद्यार्थी के रूप में मिले थे । बेल की यह योग्यता कि रोगी को देखकर उसके रोग को बता देना और उसके रोग का निदान करना ही, डायल के माइंड के केंद्र बिंदु में था जिसके कारण उसने एक ऐसे किरदार को रचा जो अपने बल पर ही कई चीजों को खोज निकालता था।
सर आर्थर कॉनन डायल ने सावधानीपूर्वक शरलॉक होम्स की रचना कि जो कि उस दौर के कई डिटेक्टिव फिगर से प्रभावित था। जिसमे ड्यूपीन का अंश तो था ही लेकिन सम्भवना है कि दूसरे डिटेक्टीव्स का भी अंश एवं प्रभाव रहा हो। आप अगर इस सीरीज के पिछले लेखों को पढ़ेंगे तो पाएंगे कि सर आर्थर कॉनन डायल से पूर्व के लेखकों ने जो डिटेक्टिव किरदार खड़े किए उनमे – मुख्य किरदार के साथ एक साथी, शहरी परिवेश, तर्कसंगत-तर्कयुक्त-विचारशील डिडक्टिव क्रिया, केस हिस्ट्री, वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मुख्य किरदार की विलक्षण प्रतिभा, सुरागों को इकट्ठा करना एवं उसको स्टडी करना, ब्यौरेवार वर्णन एवं सूक्ष्म विचार का महत्व और इन सबसे ऊपर अपराध एवं अपराधियों के बारे में बृहद ज्ञान। ये सभी चीजें शरलॉक होम्स किरदार में भी भरी हुई थी। इसलिए जब स्टैमफोर्ड कहते हैं कि ‘शरलॉक होम्स अपराध की दुनिया के चलते फिरते कैलेंडर हैं’ तो गलत नही कहते हैं। यही कारण है कि शरलॉक होम्स एवं उनके कथानक, विश्व साहित्य में, क्रिमिनोग्राफी में एक स्थायी चित्र बन गए हैं जिससे हर लेखक प्रेरणा लेना चाहता है।
शरलॉक होम्स, विश्व में क्राइम फिक्शन के विकास के – अंतिम बिंदु एवं आरंभ बिंदु – दोनों ही स्थान पर विद्दमान है। 20 वीं सदी एवं 21 सदी का क्राइम फिक्शन, शरलॉक होम्स के बगैर कभी समान नही होता।

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