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अपराध गल्प लेखन : एक नज़र #४

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प्राइवेट डिटेक्शन

Edgar Ellan Poe

एडगर एलन पो को कई लोग ‘क्राइम फिक्शन का जनक’ तो कई ‘ डिटेक्शन फिक्शन का पिता’ कहते हैं। ऐसा इसलिए कहा जाता है क्योंकि उन्होंने तर्कसंगत विश्लेषण का प्रयोग करते हुए, अपनी तीन कहानियों – ‘The murders in The Morgue’, ‘The Mystery of Marie Rogget’ एवं ‘The purloined Paper’ – में, तहकीकात करते हुए, काल्पनिक डिटेक्टिव C. Auguste Dublin को प्रस्तुत किया था। लेकिन वास्तविक एवं काल्पनिक दुनिया में, डिटेक्शन का विकास एक पेचीदा सब्जेक्ट है। पो ने डिटेक्टिव कहानी नही लिखी थी, बल्कि उन्होंने अपनी कहानी में ड्यूपीन के द्वारा यह दिखाया कि कैसे तर्कसंगत विश्लेषण एवं कल्पना के जरिये रहस्य को हल किया जा सकता है।

         C. Auguste Dupin

गौरतलब बात यह है कि पो अमेरिकी नागरिक थे लेकिन उन्होंने इन तीनों कहानियों की पृष्ठभूमि पेरिस में रखी जो साफ-साफ इस बात की तरफ इशारा करती है कि हो न हो उन्होंने विडोक (पढ़ें पिछला भाग) के संस्मरण को जरूर पढ़ा होगा। पेरिस में कहानियों की पृष्ठभूमि देने से पो को यह फायदा हुआ कि वे अपनी कहानी में रहस्यमयी एवं डरावना माहौल पैदा कर सके, जिसकी कमी उस वक़्त के अमेरिका में थी। ड्यूपीन के किरदार को रात का, अंधेरे का प्रेमी बताया गया है जो खंडहरनुमा मकान में अपने एक मित्र के साथ रहता है जो कहानियां सुनाता है। यह कुछ-कुछ सर आर्थर कॉनन डायल के किरदार डॉ. वाटसन के जैसा है। पो द्वारा ड्यूपीन के साथ किये गए इस प्रयोग और फिर बाद में डॉ. वाटसन के अस्तित्व ने, अपराध गल्प साहित्य में, डिटेक्टिव के असिस्टेन्ट रखने या होने के मापदंड को स्थापित किया जिसका प्रयोग भविष्य में  प्रचुर मात्रा में हुआ। हालांकि पो ने ड्यूपीन को केंद्रीय किरदार में लेकर सिर्फ तीन ही कहानियां लिखीं लेकिन उन्हें गोथिक टेल्स (जिसमे हॉरर एवं सुपर नेचुरल कहानियां आती हैं) के लिए भी जाना जाता है। इन कहानियों में वे उस पैटर्न को फॉलो करते हैं जिसका उदय 19 वीं शताब्दी में ब्रिटेन में हो गया था।

Blackwood’s Edinburgh Magazine

अमेरिका से सीधा अब ब्रिटेन की तरफ चलते हैं, जहां से हमने सफर की शुरुआत की थी। सन 1817 से ही ‘ब्लैकवुड एडिनबर्ग मैगज़ीन’, भिन्न-भिन्न लेखकों द्वारा लिखे हॉरर और सेंसेशनल कहानियां छापते आ रहे थे जिसे बाद में ‘ब्लैकवुड टेल्स ऑफ टेरर’ भी कहा एवं जाना जाने लगा था। इन कहानियों में घटनाओं एवं कथानक को इस तरह दिखाया जाता था कि पाठक उत्तेजना एवं सनसनी महसूस करता था। यह उत्तेजना एवं सनसनी कथानक के हॉरर एवं भयानक रूप से डरावने होने के कारण, मानसिक डर के कारण उतपन्न होता था। ब्लैकवुड मैगज़ीन का मुख्य उद्देश्य, उस दौर के धनी एवं ऊंचे व्यक्तियों का मनोरंजन करना था लेकिन ‘द न्यूगेट कैलेंडर’ के कई ब्यौरों को उठाकर, कुछ फेरबदल कर, उसको दुबारा से उन्होंने आम जनता के सामने क्राइम फिक्शन के रूप में पेश किया। इन लघु कथाओं में फैली सनसनी, रहस्य एवं उत्तेजना ने उस दौर में एक नए विधा का चलन शुरू किया जिसे– ‘सेंसेशन फिक्शन’ का नाम दिया गया।

     Wilkie Collins

 
The Woman in white

 
  The Moonstone

यह विधा क्राइम को सीधे आम जनता से जोड़ती थी क्योंकि इसमें अपहरण, व्यभिचार, हत्या, जालसाजी, द्विविवाह, धोखा आदि आते थे जो आम अपराधियों द्वारा ही नही बल्कि समाज के ऊँचे स्तंभों द्वारा भी किये जाते थे जो इसे व्यक्तिगत एवं सामाजिक दायरों में लेकर आती थी जिसमे औरतों का भी हाथ होता था। जहां न्यूगेट उपन्यास भूतकाल में घटी घटना को केंद्र में रखकर लिखा गया था वहीं इस विधा ने इसे कई खूबियों के कारण समसामयिक रूप दे दिया था। सेंसेशन उपन्यासों ने सिर्फ निम्न वर्ग ही नही बल्कि माध्यम एवम उच्च वर्ग को भी टारगेट किया। उस दौर के लेखकों में से एक विली कॉलिंस को इस विधा में महारत हासिल थी एवं उनकी पुस्तक ‘द वुमन इन वाइट’ को इसके लिए बहुत सम्मान की दृष्टि से देखा जाता है। विली कॉलिंस के उपन्यासों में डिटेक्टिव को अपराध की गुत्थी सुलझाते हुए दिखाया गया है। उस दौर में दूसरे कई लेखकों ने भी इस विधा में अपना हाथ आजमाया और कई नायाब कहानियां पाठकों को दी। सन 1860 एवं 70 में, पब्लिक और प्राइवेट दोनों ही सेक्टर में डिटेक्टिव्स का उदय हो चुका था। सन 1868 में, विली कॉलिंस ने अपने उपन्यास ‘ द मूनस्टोन’ में दोनों ही प्रकार के डिटेक्टिव्स को साथ काम करते हुए दिखाया।

Allan Pinkerton

जिस दौर की हम बात कर रहे हैं, उस समय क्राइम फिक्शन विधा का विकास सिर्फ ब्रिटेन और फ्रांस तक ही नहीं सीमित था, समानांतर में, अमेरिका में भी यह विकास जारी था। सन 1865 में, John Babbington Williams द्वारा लिखित, न्यूयॉर्क के, सलाहकार जासूस, जेम ब्रम्प्टोन (Jem Brampton) का, केसबुक संपादित होकर, ‘Leaves from the Notebook of a New York detective’, पुस्तक के नाम से प्रकाशित हुआ। पो से पूर्ण रूप से प्रभावित लेकिन ब्रिटेन के डिटेक्टीव्स से अलग, जेम ब्रम्प्टोन किरदार अपनी मर्जी से केस को चुनता था। इसलिए शायद उसे पहला अमेरिकी शहरी डिटेक्टिव भी कहा जाता है। जेम ब्रम्प्टोन के समान ही एलेन पिंकरटन, शिकागो के पहले डिटेक्टिव थे, जिन्होंने बाद में, ‘पिंकरटन नेशनल डिटेक्टिव एजेंसी’ की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उनके 18 केसेस को आधार मानकर कहानियां भी लिखी गयी। कहा जाता है, उन कहानियों को किन्हीं दूसरे लेखकों ने लिखा था लेकिन नाम पिंकरटन का ही आया था।

 
 

     Fergus Hume

 
 The Hansom Cab

ऐसा नही था कि क्राइम की विधा – डिटेक्टिव फिक्शन एवं सेंसेशन फिक्शन में सिर्फ पुरुष वर्ग के लेखकों ने हाथ आजमाया था, बल्कि स्त्री वर्ग से लेखिकाओं ने भी उस दौर में खूब हाथ आजमाया। वैसे ही, यह विधा सिर्फ यूरोप और अमेरिका तक ही सीमित नही था, बल्कि दूसरे महाद्वीपों में भी इस विधा में लिखा जाने लगा था। न्यूज़ीलैंड में जन्मे एवं मेलबोर्न में वकील, फेर्गस ह्यूम (Fergus Hume) द्वारा सन 1866 में लिखित, ‘The Mystery Of Hansom Cab’,  उपन्यास में एक वकील और एक जासूस को एक साथ काम करते हुए दिखाया। यह उपन्यास जब ब्रिटेन में 1867 में प्रकाशित हुआ तो बेस्ट-सेलर साबित हुआ और इसने अन्य लेखकों को प्रोत्साहित किया, जिसमे से एक, सर आर्थर कॉनन डायल भी थे।

The Saturday Review

And Always a detective

सन 1880 तक, क्राइम फिक्शन, ब्रिटेन और दूसरे महाद्वीपों में, अच्छा-खासा प्रसिद्ध हो गया और एक विधा के रूप में चल पड़ा। दिसंबर,1886 में, ‘सैटरडे रिव्यु’ नामक पत्रिका में आये एक लेख में, ‘आर. एफ. स्टीवर्ट’ नामक लेखक ने पहली दफा ‘डिटेक्टिव फिक्शन’ शब्द का इस्तेमाल किया। इससे पहले इस शब्द का कोई अस्तित्व नही था। ठीक एक वर्ष बाद, 1887 के दिसंबर महीने में, Beeton’s Christmal Annual’, नामक पत्रिका में, सर आर्थर कॉनन डायल द्वारा लिखित कहानी, ‘A study in Scarlet’ प्रकाशित हुआ, जिसमे पहली दफा, महान शरलॉक होल्म्स, डिटेक्टिव का कैरियर शुरू हुआ।

अभी जारी है……

अपराध गल्प लेखन ” एक नज़र #३

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रोचक जानकरियाँ। अगले भाग का इंतजार है।

एक सलाह है। अगर कड़ियों में लेख लिख रहे हैं तो हो सके तो हर कड़ी के नीचे पिछली कड़ियों के लिंक्स भी दिया करें। इससे पाठक पिछले लिंक्स तक भी आसानी से जा पाएगा।