चंद्रकांता -देवकीनंदन खत्री-अध्याय -1-भाग-3 (आखिरी भाग )
पिछला भाग यहाँ पढ़ें इक्कीसवां बयान दूसरे दिन महाराज जयसिंह दरबार में बैठे हरदयालसिंह से तेजसिंह का हाल पूछ रहे थे कि अभी तक पता लगा या नहीं, कि इतने में सामने से तेजसिंह एक बड़ा भारी गट्ठर पीठ पर लादे हुए आ पहुँचे। गठरी तो दरबार के बीच में […]