शाम के सात बज रहे थे। पटना के ईकलॉजिकल पार्क में अविनाश अपनी गर्लफ़्रेंड अनामिका की गोद में सिर रखकर लेटा हुआ था और अनामिका उसके घुंघराले बालों में अपनी उँगलियाँ फेर रही थी। तभी अविनाश के मोबाइल फोन का रिंगटोन बजा। फोन पर बात करने के बाद अविनाश ने अनामिका से कहा – “चलो […]
आवाज कार या टैक्सी की है। अभी यहाँ से दूर है, लेकिन इसके पहुँचने का पता पहले से चल गया है, क्योंकि पहाड़ियों की गूँज ने इस आवाज को फुटबाल की छोटी-छोटी उछालों में आगे फेंका है। कार या टैक्सी होटल की तरफ ही आई है, क्योंकि सड़क इस होटल पर आ कर खत्म हो […]
कोरोया फूल छोटानागपुर की वादियों में बहुतायत रूप में पाया जाता है, यह एक जंगली फूल है, और यह छोटानागपुर वासियों के लोक गीतों में भी रच बस गया है। कहानी, एक आदिवासी अधिकारी के गैर आदिवासी कन्या से विवाह और उनसे उत्पन्न समस्याओं और सांस्कृतिक जटिलताओं का चित्रण प्रस्तुत करती है । मैं अपने […]
स्मृति की धुँधली और गम्भीर छाया में आज वह छोटी-सी घटना उतनी प्रखर और उत्तेजित नहीं प्रतीत होती। आज जब इस प्रकाश ह्रास और अच्छाई के संसार से भागकर उस कुरूप अन्धकार में, उस उन्माद, उस उफान के साथ नयन खोलना चाहता हूँ, तब दम घुटने लगता है। आज का अर्थ है – मेरी सफलता, […]
जल्दी से मालदार हो जाने की हवस किसे नहीं होती? उन दिनों जब लॉटरी के टिकट आये, तो मेरे दोस्त विक्रम के पिता, चचा, अम्मा और भाई, सभी ने एक-एक टिकट खरीद लिया। कौन जाने, किसकी तकदीर जोर करे? किसी के नाम आये, रुपया रहेगा तो घर में ही। मगर विक्रम को सब्र न हुआ। […]
इस जम्बक की डिबिया से मैंने एक आदमी का खून जो कर डाला है, इसलिए मैं इससे डरता हूँ। मैं जानता हूँ कि यही जम्बक की डिबिया मेरी मौत का कारण होगी-प्रोफेसर साहब ने कहा और कुर्सी पर टिक गए। उसके बाद हम सभी लोगों ने उनसे पूछा-जम्बक की डिबिया से मनुष्य की हत्या आखिर […]
यह नगर के बाहर का इलाका था। शाम का धुंधलका अभी फैलना शुरू ही हुआ था, अंधेरा नहीं हुआ था। जगह-जगह कचरे और गन्दगी के ढेर पड़े थे, सड़ांध मारती बदबू और बदबू के एक ढेर के पास बैठी हुई एक अधेड़ स्त्री। भिखारिन थी वह लेकिन मनमौजी। कभी भीख मांगती तो कभी किसी के […]
कई वर्ष पश्चात दूरदर्शन पर धारावाहिक ‘रामायण’ के पुनः प्रसारण से कौशल्या देवी बहुत खुश थीं। सुबह के नौ बजते ही टेलीविजन के सामने हाथ जोड़ कर बैठ जाती थीं। आज रामायण देखते हुए वह अत्यंत भावविभोर हो रही थीं। सीता एवं लक्ष्मण को राम के संग वन जाते हुए देखकर कौशल्या देवी की आंखों […]
बहुत दिनों से नौवीं की छात्रा कलिका, स्टाफ- रूम में चर्चा का विषय बनी हुई है. शिक्षिकाएं एकमत हैं कि उसे कोई मानसिक समस्या जरूर है. सबको श्रीमती मीरा वर्मा का इंतजार है, जो अपने ढीली सेहत के चलते, लम्बी छुट्टी पर थीं और वापस स्कूल ज्वाइन करने वाली हैं. आठवीं में वे ही कलिका […]