ग़ैरत की कटार
कितनी अफ़सोसनाक, कितनी दर्दभरी बात है कि वही औरत जो कभी हमारे पहलू में बसती थी, उसी के पहलू में चुभने के लिए हमारा तेज खंजर बेचैन हो रहा है. जिसकी आंखें हमारे लिए अमृत के छलकते हुए प्याले थीं, वही आंखें हमारे दिल में आग और तूफान पैदा करें! […]