लाल महत्वाकांक्षाएँ
उसने अपनी छोटी- छोटी आंखें खोलीं । सामने मम्मी-पापा खड़े थे । उनको देखकर उसके चेहरे के भावों में कोई परिवर्तन नहीं आया । मानो कुछ ना हुआ हो । कुछ ना देखा हो । अगर कुछ देखा भी तो महत्वहीन । तभी बेड के किनारे खड़ी दादी पर उसकी […]
उसने अपनी छोटी- छोटी आंखें खोलीं । सामने मम्मी-पापा खड़े थे । उनको देखकर उसके चेहरे के भावों में कोई परिवर्तन नहीं आया । मानो कुछ ना हुआ हो । कुछ ना देखा हो । अगर कुछ देखा भी तो महत्वहीन । तभी बेड के किनारे खड़ी दादी पर उसकी […]