छाप तिलक सब छीनी
छाप तिलक सब छीनी ..
वह कहानियाँ…
जो स्त्री-मन की अंधेरी गलियों से हो कर गुजरीं, जीवन की आपाधापी में गुम होते-होते रह गईं और मानवीय प्रेम और करूणा के उजालों की तलाश में सतत विचरती रहीं। मानव-मन अपने अनगढ़ स्वरुप में कितना लुभावना हो सकता है, कितना करुणामय…. इस किताब की कहानियों के किरदार, यही छटा बिखेरते हैं। ख़ास कर स्त्री पात्र। पीड़ा में भी अलौकिक सौन्दर्य है। इन कहानियों के आत्मा, इसी सौन्दर्य से गर्वोन्नत है।
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