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11 Comments

  1. Pragyanand Prasad
    October 5, 2019 @ 3:15 pm

    Lajabab prastuti.

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  2. Hitesh rohilla
    January 21, 2020 @ 3:58 pm

    बहुत बढ़िया।

    Reply

  3. chandan kumar
    February 2, 2020 @ 10:24 pm

    बहुत ही शानदार कहानी..
    जासूसी कहानी पसंद करने वालो के लिए

    Reply

  4. vikas dutta
    February 3, 2020 @ 12:04 am

    well done

    Reply

  5. अतुल गोयल
    February 15, 2020 @ 7:53 pm

    अद्भुत!!! गुरु जी आपने बहुत अच्छा platform दिया है ” साहित्य विमर्श” . गहमरी साहब के बारे में सुना बहुत था लेकिन आज उनकी कृति पढ़ने का सौभाग्य प्राप्त हुआ साहित्य विमर्श के माध्यम से। गुरु जी गहमरी साहब की कुछ और कृतियाँ साझा करें इस मंच के माध्यम से।

    Reply

  6. कुमार किशन कीर्ति,
    April 16, 2020 @ 7:40 am

    Nice story

    Reply

  7. Sweetvickky Vickky
    April 16, 2020 @ 8:04 am

    बहुत बढ़िया कहानी

    Reply

  8. कुमार किशन कीर्ति
    April 16, 2020 @ 8:04 am

    Nice story

    Reply

  9. गौरव भारती
    July 3, 2020 @ 5:18 pm

    क्या आपके पास गोपालराम गहमरी का कोई उपन्यास उपलब्ध है? अगर है तो सूचित करें।

    Reply

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